जबलपुर. शहर में 9 अक्टूबर को प्रशासन ने एक बार फिर भूमाफिया पर कार्रवाई की। यहां रद्दी चौकी स्थित सैफ नगर में 10 हजार वर्गफीट जमीन पर अवैध कब्जा हटाया गया। खाली कराई गई जमीन की कीमत 3 करोड़ और इस पर निर्माण की कीमत करीब एक करोड़ बताई जा रही है। हालांकि, कब्जेदार ने आरोप लगाया कि उसे जेडीए और नगर निगम की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला।
अवैध कब्जे की जमीन का कमर्शियल उपयोग
यहां JDA के पार्क में मोहम्मद शफीक ने 1000 वर्गफीट में गोडाउन, मोहम्मद कदीर ने 500 वर्गफीट में गोडाउन, मोहम्मद खलील ने 1500 वर्गफीट में गोदाम, मूसा कबाड़ी ने 2400 वर्गफीट में, ताज खान ने 2700 वर्गफीट में और मोहम्मद खालिद ने 1000 वर्गफीट में कब्जा कर रखा था। सभी JDA की स्कीम नंबर 30 व 36 के सामने पार्क के लिए छोड़े गए जमीन पर कब्जा कर व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित कर रहे थे।
खसरा नंबर 258 की रजिस्ट्री, 257 पर कब्जा
भू-माफिया विरोधी इस कार्रवाई का मोहम्मद नजीर व कदीर ने विरोध किया। बताया कि यह जमीन उनकी निजी भूमि है। रजिस्ट्री भी पेश की। पर एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया और तहसीलदार राजेश सिंह ने बताया कि उसकी रजिस्ट्री और कब्जा अलग-अलग स्थानों पर है। उसकी रजिस्ट्री खसरा नंबर 258 का है और वह काबिज खसरा नंबर 257 पर है। अधिकारियों ने उससे कहा कि वह गलत रजिस्ट्री करने वालों के खिलाफ शिकायत दें, उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होगा।
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक माफिया विरोधी अभियान के तहत इस कब्जे को चिन्हित किया गया था। पूर्व में सभी को खुद से खाली कराने का नोटिस जारी किया गया था। शनिवार 9 अक्टूबर को ASP रोहित काशवानी, SDM नम: शिवाय अरजरिया, CSP गोहलपुर अखिलेश गौर, चार टीआई और 100 पुलिसकर्मी, नगर निगम का अमला कार्रवाई के लिए पहुंचे।
जबलपुर में इससे पहले भी दो कार्रवाई
जबलपुर में अवैध कब्जा हटाने की पहले भी दो कार्रवाई हो चुकी हैं। 26 सितंबर को प्रशासनिक अमले ने माफिया टिंकू सोनकर का 2 करोड़ का बंगला गिरा दिया। 29 सितंबर को जबलपुर में ही पप्पू खलीफा उर्फ अकील और शकील अहमद की 4 दुकानें, घर और गोदाम गिरा दिए। निर्माण की कीमत 2 करोड़ थी। जिस जमीन पर अवैध निर्माण हुआ था, उसकी कीमत 10 करोड़ है।