श्योपुर. मध्य प्रदेश के विजयपुर में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी सामने आई है। नौकरी के लिए ना केवल फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया, बल्कि दो-दो विकलांग सर्टिफिकेट तक बनवा लिए। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ। इसके बाद RTI एक्टिविस्ट ललित मोहन शर्मा ने मामले की शिकायत कलेक्टर और एसडीएम को की। मामले की जांच के लिए 2 सदस्यीय कमेटी बना दी है।
ये है मामला: 2006-07 एवं 2009 में तत्कालीन जिला पंचायत सीइओ ने वर्ग दो में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया कराई गई थी। कुछ चहेते कैंडिडेट्स को शिक्षक बनाने के लिए मैरिट सूची को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर कर दिया। फर्जी तरीके से अलग-अलग सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए, जिनमें भूतपूर्व सैनिक, एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट समेत अन्य शामिल हैं। एक कैंडिडेट्स तो ऐसा है, जिसने 10वीं और 12वीं की भी फर्जी मार्कशीट लगाई। इस मामले को लेकर जब संबंधित विद्यालय के प्राचार्य से आरटीआई एक्टिविस्ट ने संपर्क साधा तो कहा गया कि रिकॉर्ड जल गया। ऐसे कैंडिडेट्स 70 से ज्यादा हैं, जिनको फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपॉइंटमेंट थमा दिए गए।
खाली स्थान से ज्यादा की भर्तियां: संविदा शिक्षक (कॉन्ट्रेक्चुअल टीचर) भर्ती प्रक्रिया वर्ग दो और तीन में बायोलॉजी विषय के लिए दो जगह खाली थीं, जबकि भर्ती तीन की हुई। इसी तरह मैथ्स में दो भर्तियों की जगह 4 अपॉइंट हुए। जब डिप्लोमा इन एजुकेशन कॉलेज (मुरैना) से RTI के तहत पास छात्रों की जानकारी ली तो पता चला कि जिस सीरियल नंबर पर जिस कैंडिडेट का नाम था, उस सीरियल क्रमांक पर 3-3 नाम चढ़ाकर डीएड के सर्टिफिकेट थमा दिए। भर्ती प्रक्रिया के दौरान एक शिक्षक ने दो-दो विकलांग प्रमाणपत्र लगा दिए। वहीं, अपनी पत्नी की नौकरी हाांसिल करने के लिए भी विकलांग प्रमाण पत्र का सहारा लिया।
क्या बोले अफसर: RTI एक्टिविस्ट ललितमोहन शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने हाईलेवल जांच का भरोसा दिया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है। वहीं श्योपुर के जिला पंचायत सीईओ राजेश शुक्ल ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है। हमने SDM को इंवेस्टीगेशन के लिए कहा है। उन्होंने 2 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है।