तुम मंदिर तोड़ते जाओ, पर सनातनियों के दिल में बसे मंदिर कैसे तोड़ोगे- पं. प्रदीप

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Atul Tiwari
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तुम मंदिर तोड़ते जाओ, पर सनातनियों के दिल में बसे मंदिर कैसे तोड़ोगे- पं. प्रदीप

Ratlam. मध्य प्रदेश के कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने राजस्थान में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने पार तल्ख प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- तुम (सरकार) मंदिर तोड़ते जाओ, हम बनाते जाएंगे। जमीन के मंदिर तोड़ सकते हो, लेकिन सनातनियों के दिल में बसे मंदिर को कैसे तोड़ोगे। मंदिर तोड़ने वाले समझ लें कि हजारों लोगों के हृदय में जो शिव बैठे हैं, उनके मंदिर को कैसे तोड़ोगे।



रतलाम में हैं प्रदीप मिश्रा

पं. प्रदीप मिश्रा महाशिवपुराण कथा के लिए रतलाम में हैं। यहां उन्होंने कनेरी रोड हरथली फंटे पर हो रही कथा में कहा कि यदि मंदिर हटाना ही था, तो भगवान शिव और शिव परिवार की प्रतिमाएं विधि-विधान से हटाकर पुरातत्व विभाग को ही सौंप देते। जैसा कर्म किया है, वैसा ही फल पाओगे।



‘राष्ट्र उत्थान के लिए झूठ बोलो’



पं. मिश्रा ने कथा में कहा कि शिवमहापुराण में लिखा है कि झूठ बोलो, लेकिन कहां बोलना है, वहां दमदारी से बोलो। गोमाता की रक्षा के लिए अपने देश व राष्ट्र उत्थान के लिए झूठ बोलो। उन्होंने कहा कि एक बिल्वपत्र आस्था और विश्वास के साथ भगवान शिव पर चढ़ाकर उसे प्रसाद के रूप में सेवन करते समय सभी बीमारियां दूर करने का कहेंगे तो भगवान सभी बीमारियां दूर कर देंगे और जो जिनको नहीं है, वे कभी भी डॉक्टर के पास नहीं जाएंगे।



कब तोड़ा गया राजस्थान में मंदिर?



राजस्थान के अलवर में 22 अप्रैल को 300 साल पुराने शिव मंदिर को ढहा दिया गया। सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी। बीजेपी ने कहा कि सरकार जहांगीरपुरी (दिल्ली) में हुई घटना का बदला मंदिर तोड़कर ले रही है। मंदिर तोड़ने के लिए बाकायदा जेसीबी लाई गई थी। शिवलिंग को हटाने के लिए भी सावधानी नहीं रखी गई।



ऐसे चर्चा में आए थे पं. प्रदीप मिश्रा



सीहोर में 1 मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर रुद्राक्ष महोत्सव में उमड़ी भारी भीड़ के चलते कार्यक्रम स्थगित हो गया था। इसके बाद  प्रदेश की सियासत गरमा गई। 2 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी यहां पहुंचीं और पं. प्रदीप मिश्रा से चर्चा की। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशासनिक नाकामी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी थी, इसके बाद 2 मार्च को सीहोर में अफसरों को तांता लग गया। कमिश्नर गुलशन बामरा, कलेक्टर सीएम ठाकुर और एसपी मयंक अवस्थी पं. प्रदीप से मिलने पहुंचे थे।


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