BHOPAL. नगर निगम का चुनाव (municipal election) लड़ने वाले प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के लिए देसी-विदेशी शराब (liquor) के ब्रांड और उनकी रेट लिस्ट तय कर जारी करना छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिला प्रशासन (District Administration) के गले की फांस बन गया है। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने इसे गलत करार देते हुए छिंदवाड़ा के कलेक्टर (Collector) से जांच प्रतिवेदन तलब किया है। इसके साथ ही आयोग ने स्पष्ट किया है कि शराब को चुनाव के खर्चे में नहीं जोड़ा जा सकता।
चुनावी खर्च के लिए जारी की शराब के ब्रांड और रेट लिस्ट
उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय (Assistant Excise Commissioner Office) ने नगर निगम चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के लिए बकायदा शराब के देशी-विदेशी ब्रांड और उनकी दरों की सूची जारी की है। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार (28 जून) को राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत कर छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयडिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
जिला प्रशासन का आदेश असंवैधानिकः कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के नेता जेपी धनोपिया ने छिंदवाड़ा जिला प्रशासन के निर्णय का विरोध करते हुए शिकायत में लिखा है कि इस तरीके से शराब की सूची और उसकी दरें जारी कराने का मतलब है कि चुनाव में प्रत्याशी मतदाताओं को शराब पिला सकता है। उसका खर्च अपने चुनावी खर्चे में शामिल कर सकता है। ये चुनाव की आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। रहा है और शराब बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसके लिए आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही इस आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग क्योंकि यह नैतिकता के साथ-साथ संवैधानिक रूप से भी गलत है।
शराब को चुनाव के खर्च में नहीं जोड़ा जा सकताः आयोग
इस मामले में द सूत्र ने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा के आबकारी कार्यालय से जारी की गई लिस्ट के बारे में जिला कलेक्टर से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। जांच प्रतिवेदन आने के बाद इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि शराब को चुनाव के खर्चे में नहीं जोड़ा जा सकता।