Jabalpur:CM शिवराज की साली की हाईप्रोफाइल वार्ड से दावेदारी, सियासी हलचल बढ़ी

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Atul Tiwari
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Jabalpur:CM शिवराज की साली की हाईप्रोफाइल वार्ड से दावेदारी, सियासी हलचल बढ़ी

Jabalpur. नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में मेयर प्रत्याशी तय करने में पेंच फंसा हुआ है। वहीं, जबलपुर के सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड से मुख्यमंत्री की साली रेखा सिंह की दावेदारी से मामला गरमा गया है। सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड जबलपुर का सबसे हाईप्रोफाइल वार्ड है। इस वार्ड में सांसद राकेश सिंह, केंट विधायक अशोक रोहाणी तो रहते ही हैं, साथ ही यहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ससुराल भी है। नड्डा के ससुर सुभाष चंद्र बनर्जी के नाम पर ही वार्ड का नामकरण हुआ है। इसी वार्ड में पूर्व महापौर सुशीला सिंह रहती हैं तो पूर्व महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल, AG) आरएन सिंह भी यहां के मतदाता हैं।





ऐसा है सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड





उच्च मध्यम और निम्न आय वर्ग की मिली-जुली आबादी वाले इस वार्ड में रजक-कनौजिया (धोबी) की बड़ी हिस्सेदारी है। यह समाज पूरी तरह से बीजेपी समर्थक है। लंबे समय तक बीजेपी के कमलेश अग्रवाल इस वार्ड से पार्षद रहे। उनकी शुरुआत ईश्वर दास रोहाणी के आशीर्वाद से हुई, लेकिन बाद में दोनों में दूरियां बढ़ने लगीं। ऐन चुनाव के समय ईश्वर दास रोहाणी के निधन होने से टिकट उनके बेटे अशोक को मिली। सहानुभूति लहर देख उस समय कमलेश अग्रवाल शांत रहे, लेकिन अगले चुनाव में उन्होंने भीतर ही भीतर अशोक रोहाणी को हराने के पूरे प्रयास किए। अशोक भितरघात होने के बावजूद मजबूत होते गए और उनकी व कमलेश अग्रवाल की दूरियां इतनी बढ़ गईं, जिसे आज पाटना मुश्किल है। वर्तमान में कमलेश अग्रवाल सांसद राकेश सिंह के साथ हैं और मेयर प्रत्याशी के रूप में उनका दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है।





रेखा की ऐसे हुई एंट्री



 



सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड ओबीसी होगा, इसकी पूरी संभावना थी। इस आधार पर अशोक रोहाणी और कमलेश अग्रवाल वार्ड में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए अपने उम्मीदवारों को तैयार कर रहे थे। दोनों के उम्मीदवार धोबी समाज के थे। धोबी समाज भी इस नाते खुश हो रहा था कि आखिरकार उसके समाज को अब सत्ता में भागीदारी मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साली और साधना सिंह की बहन रेखा सिंह की बीजेपी उम्मीदवार के रूप में दावेदारी से अशोक रोहाणी और कमलेश अग्रवाल का गुट वेट एंड वॉच की मुद्रा में आ गया। 





रेखा इससे पूर्व रांझी उपनगरीय क्षेत्र में रहती थीं और वहां के एक वार्ड से पार्षद रह चुकी हैं। वे एमआईसी सदस्य भी रहीं हैं। कुछ समय पहले उनका परिवार सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड में शिफ्ट हुआ है। इस नाते उन्होंने यहां बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अपना दावा पेश कर दिया है।





कांग्रेसी भी वार्ड को अपने पक्ष में करने में जुटे





इस वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में एनएसयूआई से जुड़े विजय रजक दो साल से मेहनत कर रहे हैं। वैसे वे मूल रूप से जबलपुर पूर्व विधानसभा के एक वार्ड के निवासी हैं, लेकिन सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड में ससुराल होने से वे यहां अपनी संभावना तलाश रहे थे। जबलपुर केंट की राजनीति में विजय रजक, अभिषेक चौकसे चिंटू के साथ जुड़े हैं। रेखा सिंह की उम्मीदवारी ने उनके लिए टॉनिक का काम कर दिया। प्रत्याशी का चयन ना होने के बावजूद विजय रजक ने अपना ऑफिस सेटअप कर लिया। 





मतदाताओं में धोबी समाज के प्रतिशत को देखते हुए कांग्रेस विजय को अपना प्रत्याशी बना सकती है। धोबी समाज भी सत्ता में भागीदारी की प्रबल आकांक्षा को देखते हुए बीजेपी से कांग्रेस की ओर जाने में गुरेज नहीं करेगा।





आगे क्या समीकरण?





रेखा सिंह यदि सुभाष चंद्र बनर्जी वार्ड से प्रत्याशी बनती हैं तो सांसद राकेश सिंह, विधायक अशोक रोहाणी और कमलेश अग्रवाल की क्या भूमिका होगी और आंतरिक तौर उनकी राजनीति क्या होगी, केवल राजनीति के जानकार ही इसका बेसब्री इंतजार नहीं कर रहे हैं, बल्कि आम वोटर की भी इसमें रुचि है।



 



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