Jabalpur. दीपावली की आहट आते ही एक बार फिर पटाखों का मुद्दा फिर गर्मा गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 1 जनवरी 2023 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। जिसके खिलाफ दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दूसरी तरफ जबलपुर का नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच भी इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने मैदान में कूद गया है। संगठन ने मनोज तिवारी की याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी है।
हस्तक्षेप याचिका में बताया गया है कि मंच के डॉ पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पूर्व में दायर याचिका पर एनजीटी नई दिल्ली द्वारा 1 दिसंबर 2020 को जारी आदेश की पुष्टि तथा अनुमोदन स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने किया है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि जहां वायु गुणवत्ता ‘पुअर श्रेणी‘ की है, वहां पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, वायु गुणवत्ता ‘मॉडरेट‘ है तो ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर की रात 11.55 से 12.30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं। मंच ने याचिका दायर कर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के इस अनुमोदन को देखते हुए एनजीटी का आदेश अब पूरे देश में लागू होना चाहिए।
हस्तक्षेप याचिका में यह भी बताया गया है कि एनजीटी के 1 दिसंबर 2020 के आदेश को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई 2021 को आदेश पारित किया है कि एनजीटी का आदेश वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए पटाखों संबंधी जारी किए गए निर्देश लागू रहेंगे। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से इस मामेले में सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अक्षत श्रीवास्तव पैरवी करेंगे।