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हरीश दिवेकर, BHOPAL. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया अपेक्स बैंक में एक दागी अफसर संजय दलेला को एमडी बनाना चाहते हैं। इसके लिए मंत्री ने प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेज दिया है। दलेला को एमडी बनाया जा सके, जिसके चलते मंत्री ने दलेला के खिलाफ एक मामले में विभागीय जांच की भी अनुमति नहीं दी। मंत्री का दलेला प्रेम सहकारिता विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, मंत्री अरविंद भदौरिया का कहना है कि मुझे जानकारी नहीं है कि दलेला के खिलाफ कोई विभागीय जांच का प्रस्ताव मुझे भेजा गया है। जो भी विधिसम्मत होगा, वैसी ही कार्रवाई होगी। जबकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि दलेला की विभागीय जांच का प्रस्ताव मंत्री के पास ही लंबित है।
संजय दलेला वर्तमान में जॉइंट रजिस्ट्रार (जेआर) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मंत्री भदौरिया से दलेला की नजदीकी कितनी है, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंत्री ने दलेला को ग्वालियर और चंबल के जॉइंट रजिस्ट्रार का भी प्रभार दे रखा है, जो अव्यवहारिक है। सहकारिता महकमे में डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार के निर्णय के विरुद्ध जॉइंट रजिस्ट्रार की कोर्ट में ही अपील की सुनवाई होती है। ऐसे में दलेला को भोपाल के साथ-साथ ग्वालियर-चंबल के जेआर का प्रभार मिलना ये साबित करता है कि दलेला मंत्री के कितने खास हैं। यही वजह है कि अब मंत्री अपेक्स बैंक के एमडी पद पर दलेला को लाना चाहते हैं।
दलेला पर बैंक में अवैध तरीके से अपॉइंटमेंट का आरोप
दलेला ने ग्वालियर की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति दुबाहा के सहायक समिति प्रबंधक मुकेश शर्मा को अवैध तरीके से सहकारी बैंक में नियुक्ति दे दी। नियमानुसार सोसाइटी के कर्मचारी को सहकारी बैंक में सीधे नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। इस मामले की प्राथमिक जांच में दलेला को अवैध नियुक्ति देने का दोषी पाया गया। इसके बाद विभाग ने दलेला के विरुद्ध विभागीय जांच करने का प्रस्ताव तैयार कर मंत्री भदौरिया को भेजा, लेकिन मंत्री ने इस प्रस्ताव को दबाकर रख लिया।
सीएम की जांच को भी दलेला ने झूठलाया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत मिली थी कि भोपाल की गौरव गृह निर्माण समिति ने 16 अपात्र लोगों को भूखंड बेच दिए। इनमें एक प्लॉट तत्कालीन डीआर बबलू सातनकर को भी दिया गया था। सीएम के निर्देश पर भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने 2020 में इस मामले की जांच करवाई, जांच में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर ने सोसायटी अध्यक्ष अनिता विष्ट सहित पूरे संचालक मंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के साथ पूरे बोर्ड को भंग कर दिया। सूत्रों का कहना है कि 6 महीने बाद मंत्री के यहां से गौरव गृह निर्माण समिति के संचालक मंडल को बहाल करने के लिए दबाव बनाया गया, लेकिन तत्कालीन जेआर अनिल वर्मा ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस पर अनिल वर्मा का तबादला शहडोल कर दिया। वर्मा की जगह दलेला को सितंबर 2021 में जेआर भोपाल बनाकर लाया गया। दलेला ने जॉइनिंग करने के 15 दिन में ही एक अक्टूबर 2021 को गौरव गृह निर्माण समिति के पूरे संचालक मंडल को बहाल कर दिया, जबकि इन सभी पर धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज है।
शिवपुरी में 80 करोड़ के गबन से भी दलेला को बचाया
पिछले साल जुलाई 2021 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में 80 करोड़ का गबन सामने आया था। ये गबन 2010 से 2021 के बीच हुआ था। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए संबंधित बैंक स्टॉफ सहित चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी दोषी माना, जिन्होंने बैंक का समय-समय पर ऑडिट कर सब ठीक-ठाक बताया था, लेकिन मजे की बात ये है कि इस ऑडिट रिपोर्ट को पास करने वाले जेआर को इस गबन के मामले से बचा लिया गया। इसकी मुख्य वजह इस मामले में जेआर दलेला सीधे फंस रहे थे। इसलिए इस पूरे मामले में जेआर को जांच के दायरे में लिया ही नहीं गया। मजेदार बात ये है कि 80 करोड़ के गबन की एफआईआर हुए एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन आज तक दलेला ने रिकवरी के आदेश जारी नहीं किए।