BHOPAL: कैदी नंबर 1949 बना Mirchi Baba, जेल में खुद को बेगुनाह बता रहा, मोबाइल फोन में कई Porn Clips मिली थीं

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Atul Tiwari
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BHOPAL: कैदी नंबर 1949 बना Mirchi Baba, जेल में खुद को बेगुनाह बता रहा, मोबाइल फोन में कई Porn Clips मिली थीं

BHOPAL. तंत्र-मंत्र से दूसरों के दुख दूर करने का दावा करने वाला मिर्ची बाबा फिलहाल जेल पहुंच चुका है। आस्था के नाम पर अपने भक्तों की आंखों में मिर्च झोंकने वाले मिर्ची बाबा की अब कई करतूतें सामने आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक, बाबा जेल में रो रहा है और कैदियों के बीच खुद को बेकसूर बता रहा है।





22 अगस्त तक सलाखों के पीछे





महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यनंद गिरि जी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा। बाबा ने गेरुआ ओढ़कर वैराग्य का नाटक करते हुए मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में ऐसी पैठ बनाई थी कि बड़े से बड़ा नेता उसके सामने हाथ बांधे खड़ा रहता था। अब रेप के आरोप में फंसे बाबा की बाबागिरी हवा हो गई है। मिर्ची बाबा को भोपाल पुलिस ने ग्वालियर से हिरासत में लिया था। इसके बाद गिरफ्तारी भोपाल में हुई और अदालत ने 22 अगस्त तक के लिए बाबा को सलाखों के पीछे पहुंचाने का हुक्म दिया। 





जेल में बोला- मैं तो उस महिला को जानता भी नहीं





सूत्रों के मुताबिक, मिर्ची बाबा जेल पहुंचते ही फूट-फूट कर रोने लगा। जेल कर्मचारियों से लेकर कैदियों तक से वो खुद को बेगुनाह बताता रहा। वो समझाता रहा कि जिस महिला ने उस पर रेप के आरोप लगाए हैं, उसे तो वो जानता तक नहीं। उसे झूठा फंसाया गया है। 





रातभर जेल में रोता रहा





जेल में बाबा को सोने के लिए दो चादरें और तीन कंबल दिए गए थे, लेकिन रात में वो सो नहीं पाया। वो रातभर रोता रहा। जेल सूत्रों की मानें तो सुबह जब लोग बाबा को जगाने पहुंचे, तो सूजी हुई आंखों के साथ पहले ही हैरान परेशान अपनी बैरक में बैठा था।





कैदी नंबर 1949 है मिर्ची बाबा





जेल के नियम के मुताबिक, बाबा को दूसरे विचाराधीन कैदियों की तरह ही एक रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया है और ये नंबर है 1949। फिलहाल ये नंबर ही मिर्ची बाबा की यही नई पहचान है और फिलहाल ये मिर्ची बाबा 200 दूसरे कैदियों के साथ विचाराधीन कैदियों के वार्ड में जेल में बंद है। 





महिलाओं के आने पर दरवाजे बंद





सूत्रों की मानें तो बाबा भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी स्थित अपने ड्यूप्लेक्स में अक्सर संदिग्ध लोगों से घिरा रहता था। उसके मकान में ना सिर्फ बड़े-बड़े और रसूखदार लोग उससे मिलने आते थे, बल्कि कई बार लड़कियां और महिलाएं भी उसके पास अकेली ही आती थीं। जब भी कोई महिला उसले मिलने आती, बाबा अपने घर के दरवाजे फौरन बंद कर लिया करता था।





बाबा ने जिस महिला को बच्चा होने की दवाई देने के लिए अपने पास मिलने बुलाया था, उसे भी बाबा ने अपने पास अकेले ही मिलने के लिए बुलाया था। अकेलेपन का फायदा उठाकर बाबा ने उसके साथ रेप किया। महिला ने अपनी शिकायत में बताया है कि बाबा ने उससे पहले अपने आश्रम के ग्राउंड फ्लोर पर मुलाकात की और फिर उसे कुछ दवाइयां और भभूत देते हुए ऊपर अपने कमरे में जाकर उसे खा लेने को कहा। खाने के बाद महिला का सिर चकराने लगा। उसके साथ बाबा ने उसी हाल में रेप किया। 





खास बात ये बाबा ने अपने इस तथाकथित आश्रम में कई सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे, लेकिन जहां बाबा महिलाओं से मुलाकात करते थे, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। यानी ऊपर के कमरे में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था और बाबा ने महिला के साथ वहीं दुष्कर्म किया। 





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मोबाइल फोन में पोर्न क्लिप्स





ग्वालियर में जब पुलिस ने बाबा को हिरासत में लिया, तो सबसे पहले उसके मोबाइल फ़ोन की जांच की। मिर्ची बाबा के मोबाइल में अश्लील सामग्री देखकर पुलिस हैरान रह गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बाबा के मोबाइल फोन में कई पोर्न फिल्मों की क्लिप मिली। कई महिलाओं के नाम भी मोबाइल फोन में थे, जिन्हें बाबा ने उसके पति के नाम के आगे बीवी लिख कर सेव कर रखा था। पुलिस सूत्रों की मानें तो बाबा के फोन में पांच नंबर ऐसे मिले, जिन्हें उसने फौजी की बीवी के नाम से सेव कर रखा था। 





असली नाम राकेश दुबे





मिर्ची बाबा का असली नाम राकेश दुबे है। वह पहले एक ऑयल मिल में मजदूर था। वह भिंड जिले के गोहद से गुजरनेवाली नेशनल हाईवे से 6 किमी दूर मौजूद बिरखड़ी गांव का रहनेवाला बताया जाता है। गांव वालों की मानें तो ये कुल चार भाई हैं और इनमें मिर्ची बाबा यानी राकेश दुबे तीसरे नंबर पर है। 





बाद में मिर्ची यानी राकेश ने मजदूरी छोड़ दी और अपने हिस्से की जमीन बेचकर ट्रक खरीदा और ट्रांसपोर्ट का काम कर लिया। इस धंधे में उसे नुकसान हुआ और इसके बाद वो अहमदाबाद चला गया। वहां इसने प्राइवेट फैक्ट्री में फिर से मजदूरी कर ली। लेकिन इसके बाद वो सार्वजनिक जीवन से दूर हो गया। जब उसे जानने वाले लोगों को उसके बारे में पता चला, तब तक वो राकेश दुबे से मिर्ची बाबा बन चुका था। उसका नाम अब वैराग्यनंद गिरि हो गया था। वो मिर्ची की धूनी जलाने का ड्रामा करता था, इसलिए लोग उसे मिर्ची बाबा कहने लगे। 





बाबा का शक्ति प्रदर्शन





मिर्ची बाबा कुछ सालों के बाद अपने घर की तरफ लौटा। अब वो गांवों में भागवत कथा करने लगा। उसने भिंड, मुरैना, ग्वालियर में घूम-घूमकर कई जगह भागवत का आयोजन किया और नेताओं से रिश्ते जोड़ने लगा। पिता की मौत पर उसने 20 हजार से ज्यादा लोगों को श्राद्ध में बुलाया। इसी शक्ति प्रदर्शन के चलते पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उसके करीबी हो गए। 





2018 विधानसभा चुनाव में बाबा खुल कर कांग्रेस के सपोर्ट में आ गया। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मिर्ची बाबा ने कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत के लिए 5 क्विंटल लाल मिर्ची का हवन किया और चर्चा में आ गया। तब बाबा ने ऐलान किया था कि अगर दिग्विजय चुनाव नहीं जीते तो वो जल समाधि ले लेगा। दिग्विजय, बीजेपी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से हार गए। तब बाबा ने जल समाधि लेने के लिए भोपाल कलेक्टर से इजाजत भी मांगी, जो नहीं मिली और बात आई-गई हो गई।





रेप के मामले में ऐसे फंसा ढोंगी बाबा





मामला ग्वालियर का है। रायसेन की रहेवाली 28 साल की एक महिला की शादी को चार साल हो गए थे, लेकिन घर में अब तक किलकारी नहीं गूंजी थी. वो कई जगह झाड़-फूंक करवा चुकी थी, कई लोगों से राय ले चुकी थी. लेकिन रास्ता नहीं खुल रहा था। तभी पड़ोस की महिलाओं ने उसे बाबा वैराग्यनंद उर्फ मिर्ची बाबा के बारे में बताया। महिला को बताया गया कि बाबा के पास ऐसी चमत्कारिक शक्ति है कि बाबा के दवा देते ही गोद भर जाती है। फिर महिला ने बाबा की कई तस्वीरें और पोस्टर भी दीवारों पर देखे, जहां बाबा का नंबर लिखा था और फिर ऐसे ही एक नंबर के ज़रिए वो बाबा के संपर्क में आई। 



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