भोपाल. मुरैना जिले के साथ-साथ पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग में रेत के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) को रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। 8 सितंबर को ग्वालियर रेंज के आईजी (IG) अविनाश शर्मा, चंबल रेंज के आईजी सचिन अतुलकर समेत दोनों संभागों के कलेक्टर, एसपी, वन और राजस्व (Forest and Revenue) विभाग के आला अफसरों की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि अवैध रेत के परिवहन (Transpaortation), भंडारण और उसके खनन पर पूरी तरह प्लानिंग के साथ रोक लगाई जाए। इसके लिए ग्वालियर और चंबल संभाग के सभी जिलों में नाके बनाए जाएं। सभी नाकों पर सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाए जाएं।
अफसरों की बैठक में ये तय हुआ
मुरैना जिले के साथ-साथ पूरे संभाग में जो लोग रेत का अवैध खनन कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उनके खिलाफ केस दर्ज हों। अवैध रेत के परिवहन में शामिल ट्रैक्टर ट्रालियों को भी जब्त कर राजसात किया जाए। जो नाके बनाए जाएं, उन पर सातों दिन, 24 घंटे, पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी मौजूद रहें। उनकी तैनाती के साथ-साथ नाकों पर प्रभावी ढंग से मॉनीटरिंग करें।
मुरैना में पुलिस की कार्रवाई
जिले में रेत माफियाओं पर लगातार कार्रवाई हो रही है। इन्हें पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। 7 सितंबर को पुलिस ने 4 हजार ट्रॉली रेत बरामद की और जैतपुर राजघाट पर डंप किया गया। राजघाट को जिले का खनन पॉइंट भी कहा जाता है। रेत को जब्त कर मिट्टी में मिला दिया गया। बताया जा रहा है कि खनन माफियाओं ने बारिश से पहले रेत इकट्ठा की थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस, प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों समेत 200 पुलिसकर्मी राजघाट पर मौजूद थे। रेत की कीमत सवा करोड़ रुपए बताई गई।