भोपाल. देवास के नेमावर हत्याकांड (Nemawar Massacre) मामला एक बार फिर सुलग गया। मारे गए परिवार की इकलौती जिंदा बची लड़की भारती कास्ते ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए न्याय यात्रा निकाली। ये यात्रा 11 जनवरी को भोपाल पहुंची। भारती ने ये यात्रा 1 जनवरी को नेमावर से ही शुरू की थी। इस यात्रा को खरगोन विधायक रवि जोशी के बंगले के पास रोक लिया गया। पुलिस भारती को गाड़ी से राजभवन लेकर पहुंची। सुरक्षाकर्मियों ने कोरोना गाइडलाइंस का हवाला देकर वापस लौटा दिया। भारती की राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो सकी। यात्रा में भारती से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा पहुंचे। कांतिलाल भूरिया भी भारती से मिले।
सज्जन का राज्यपाल पर निशाना: यात्रा के दौरान सज्जन ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल पर निशाना साधा। कहा कि गर्व था कि एक आदिवासी व्यक्ति को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। हमें ये क्या पता था कि कोरोना से डरने वाला राज्यपाल अपने वर्ग को न्याय नहीं दिला सकता, ऐसी जिंदगी से मौत बेहतर है। इसके बाद गवर्नर साहब मुर्दाबाद के नारे लगे।
लगे गवर्नर मुर्दाबाद के नारे...
"ऐसी जिंदगी से तो मौत भली" मप्र के राज्यपाल के लिए ये क्या बोल गए कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा। नेमावर हत्याकांड पीड़िता की न्याय यात्रा में शामिल हुए थे।@INCMP@sajjanvermaINC@GovernorMP@imangubhaipatel@digvijaya_28
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— TheSootr (@TheSootr) January 11, 2022
ये था मामला: देवास में एक आदिवासी परिवार के 5 लोगों के नरकंकाल मिले थे। शवों को 8 से 10 फीट गहरे में दफनाया गया था। गलाने के लिए नमक और यूरिया डाला गया था। नमक के खाली पैकेट्स शव के आसपास मिले। परिवार की एक 21 साल की बेटी का गांव के ही एक दबंग व्यक्ति से अफेयर चल रहा था। कुछ दिनों बाद उसकी शादी होने वाली थी। लड़की उस पर शादी का दबाव बना रही थी। इसी बात पर उस व्यक्ति ने परिवार के सभी लोगों की हत्या कर शवों को जमीन में दफना दिया। मृतकों की शिनाख्त ममता बाई कास्ते (45), बेटियां रूपाली (21) और दिव्या (14) के रूप में हुई थी। ये नेमावर के ही रहने वाले थे। दो शव पूजा (15) और पवन कास्ते (14) के थे। ये दोनों ममता की छोटी बहन के बच्चे के थे। ये सभी 13 मई की रात से ही घर से बिना बताए गायब हो गए थे।