भोपाल. जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने का मामला फिलहाल केंद्र के विचाराधीन है। हालांकि, मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की जातिगत गणना पूरी हो गई है। दरअसल नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटा 14 से बढ़ाकर 27% करने का मामला अभी हाईकोर्ट (HC) में हैं। जिन याचिकाओं (Petition) पर रोक लगी है, सरकार ने उन्हें छोड़कर बाकी में 27% आरक्षण की प्रक्रिया (Reservation Process) शुरू कर दी है। सरकार जानना चाह रही है कि सरकारी ऑफिसों में OBC वर्ग के कितने कर्मचारी (Employees) हैं और कितने पद खाली हैं।
MP में 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी
मध्य प्रदेश में सभी कर्मचारियों की गिनती कराई गई। पता चला कि प्रदेश में सितंबर 2021 की स्थिति में कुल 3 लाख 19 हजार 144 कर्मचारी हैं, जिनमें से OBC के 42 हजार 55 हैं। 2018 की गणना के हिसाब से प्रदेश में 4 लाख 52 हजार 139 पद स्वीकृत (Accepted) थे, जिन पर नियमित कर्मचारी (Regular Employees) थे। यानी अभी एमपी में 1 लाख 32 हजार 995 पद खाली (Vacant Post) हैं।
इन ओबीसी कैटेगरी के कर्मचारी कार्यरत
प्रदेश में OBC वर्ग के जो कर्मचारी कार्यरत हैं, उनमें अहीर, कुर्मी, कुनबी, काछी, कुशवाह, दांगी, मेर, शाक्या, सोनकर, माली, सैनी, लखेरा, किरार, धाकड़, कलार, गड़रिया, कुम्हार, प्रजापति, गाडरी, बृजवासी, गोस्वामी, गुर्जर, लुहार, जाधव, यादव, राउत, थेटवार, बैरागी, असारा, बंजारा, बंजारी, बरई, चौरसिया, तमोली, कुमावत, विश्वकर्मा, वासुेदव, गोंधली, भाट, चारन, सावली, छीपा, खतरी, भोई, कहार, मल्लाह, दर्जी, नामदेव, धोबी, मेवाती, कडेरे, कोस्ता, माला, गरवार, ढोली, जोगीनाथ, नाथजोगी, सोनार, सुनार, खाती, नोनिया, नाई, पटवा, लोधी, लोधा, लोध, तेली (राठौर, साहू), मानकर, कोटवार जाति शामिल हैं।
OBC में अभी 66 जातियां, कतार अभी और लंबी होगी
मध्य प्रदेश में केंद्रीय सूची के मुताबिक, OBC में 66 जातियां हैं, जिनकी उपजातियों की संख्या करीब 175 है। हाल ही में राज्य सरकारों को OBC वर्ग में शामिल जातियों की संख्या बढ़ाने के अधिकार दिए हैं। इसके बाद अन्य जातियों को भी पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश में OBC का 14% से आरक्षण बढ़ाकर 27% कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा 2 सितंबर को OBC के लिए 27% आरक्षण दिए जाने को कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर 25 अक्टूबर को सुनवाई है।