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भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर से पटवारियों (Patwaris) की हड़ताल (Strike) शुरू हो गई है। प्रदेश भर के पटवारी गुरुवार को राजस्व (Revenue) से जुड़े काम नहीं कर रहे हैं। ये शुक्रवार को भी काम नहीं करेंगे। इन्होंने विरोध स्वरूप बुधवार यानि 19 जनवरी से काम बंद किया है। पटवारी मोबाइल ऐप (Mobile App) के जरिए नुकसान हुए फसलों के सर्वे (crop survey) का विरोध कर रहे हैं। पटवारियों का कहना है कि इतने कम समय में फसलों के नुकसान सर्वे का ऑनलाइन आकलन करना संभव नहीं है। और इसलिए इसे ऑफलाइन तरीके से ही करवाना चाहिए। प्रदेश भर के पटवारी गुरुवार को राजस्व से जुड़े काम नहीं कर रहे हैं।
मोबाइल ऐप से सर्वे करना नामुमकिन : मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी क्षति पहुंची थी। जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) द्वारा फसलों का सर्वे कराया जा रहा था। इस दौरान नुकसान हुई फसलों का सर्वे के लिए पटवारियों को मोबाइल ऐप (Mobile App) के माध्यम से आकलन तैयार कर राज्य शासन को सौंपना था। अब पटवारी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। पटवारियों का कहना है कि बेहद कम समय दिया गया है। ऐसे में मोबाइल ऐप के जरिए फसलों के नुकसान का सर्वे नामुमकिन है।
इसलिए कर रहे हड़ताल : राज्य शासन के आदेश अनुसार पटवारी खेतों पर जाएंगे। जहां पर फसलों के नुकसान के फोटो क्लिक करने के साथ ही साथ बर्बाद हुई फसलों का आकलन भी करेंगे। मुझे पटवारी का कहना है कि 1 दिन में मोबाइल ऐप के जरिए मुश्किल से 20 से 25 फसलों के नुकसान का आकलन किया जा सकता है। जिसके बाद सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पटवारी 3 दिन के सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं पटवारियों की हड़ताल के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे करने में देरी होगी। जिसके बाद किसानों को फसलों के नुकसान में मुआवजे में भी देरी हो सकती है।
सरकार ने ये निर्देश दिए थे : वहीं पटवारियों द्वारा दावा किया गया कि पूरे मध्यप्रदेश में पटवारी इस मामले में एकजुट है और ऑनलाइन गिरदावरी नहीं करेंगे। इस मामले में सीहोर के जिला अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव का कहना है कि मध्य प्रदेश पटवारी संघ तीन बार ज्ञापन सौंप चुका है। पत्रों के माध्यम से संसाधन के अभाव में जियो फैंस गिरदावरी हटाने की मांग की गई है। बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदेश जारी किया था। जिसके मुताबिक ओला पीड़ित किसानों के नुकसान का सर्वे ऑनलाइन किया जाए और संभव हो तो रूम कैमरे का भी उपयोग किया जाए। ताकि समय की बचत हो और किसानों को 1 सप्ताह के भीतर उनके फसलों के नुकसान की मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा सके। वहीं पटवारी ओपन गिरदावरी के पक्ष में नहीं है। उन्होंने प्रक्रिया को तुरंत बंद करने की अपील की है।