MP में ऑनलाइन एग्जाम नहीं होंगे: HC का आदेश- यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में ऑफलाइन हो

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MP में ऑनलाइन एग्जाम नहीं होंगे: HC का आदेश- यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में ऑफलाइन हो

जबलपुर. मध्यप्रदेश में कोरोना कि तीसरी लहर (Corona's third wave) पीक पर है लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश के यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑफलाइन परीक्षा (Offline Exam,) आयोजित करने की तैयारी कर रहें हैं। इसके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से 24 जनवरी को एक जनहित याचिका (Public Interest Litigation) दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद सरकार से एक दिन में जवाब मांगा गया था। आज यानि 25 जनवरी को राज्य सरकार का जवाब सुनकर कोर्ट ने ऑनलाइन परीक्षा की मांग ठुकरा दी है। याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं।



नोटिस जारी कर 1 दिन में मांगा जवाब : मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मालिमठ और जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की बेंच ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलसचिव को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर आ चुकी है रोजाना हजारों की तादात में नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की जा रही है, जबकि प्रदेशभर के छात्र संगठन इस बात का विरोध कर चुके हैं। लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए तैयार नहीं है। अगर ऑफलाइन परीक्षा होती हैं तो कोरोना का संक्रमण तेज गति से बढ़ सकता है जिसका खामियाजा प्रदेश की आम जनता को भुगतना पड़ेगा। 



सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा : याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि मध्य प्रदेश में यूनिवर्सिटी कोरोना संक्रमण के बीच ऑफलाइन परीक्षा क्यों आयोजित कर रही हैं? इस पर सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि परीक्षा सेंटरों पर परीक्षार्थियों की फिजिकल रूप से उपस्थिति के साथ एग्जाम सेंटर के क्लासेस 50 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ परीक्षा आयोजित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए वर्तमान में संचालित परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों के पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। विद्यार्थी को परीक्षा दिवस के दिन ही एप्लीकेशन के साथ पॉजिटिव रिर्पोट संबंधित कॉलेज में जमा करनी होगी। या फिर फोन के द्वारा सूचित करना होगा जिससे विद्यार्थी को प्रश्न पत्रों में बैठने की छूट मिल सकें। 



प्राचार्य परीक्षा समाप्ति के 1 पांच दिवस में ऐसे विद्यार्थियों की सूची कुलसचिव, संबंधित यूनिवर्सिटी को देनी होगी। इसके साथ ही परीक्षा चालन के दौरान परीक्षार्थियों की उपस्थिति पत्रक में भी इसका उल्लेख करना होगा। सत्र 2021-22 में संबंधित यूनिवर्सिटी द्वारा वर्तमान में संचालित परीक्षाओं में जो विद्यार्थी कोविड-19 के संक्रमण की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे है। या फिर जो विद्यार्थी कोविड-19 के संक्रमण की वजह से अपने शहर (निवास स्थान) से परीक्षा सेंटर जाने में असमर्थ हैं, ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा, परीक्षा समाप्ति के 10 दिन में टाइम टेबल जारी कर दो सप्ताह में परीक्षा आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा पॉजिटिव पाये गये विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम भी एक साथ घोषित किया जाए, जिससे विद्यार्थी का शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु यूनिवर्सिटी/कॉलेज कैंपस में कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टेंसिंग) का पालन, फेस कवर/मास्क का उपयोग, श्वसन शिष्टाचार का सख्ती से पालन एवं खांसते/छीकते समय टिश्यू/रूमाल /कोहनी से नाक और मुंह को कवर कराना और उपयोग के बाद टिश्यू का सही ढंग से डिस्पोजल तथा समय-समय पर कोविड-19 के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करवाया जाएगा।

 


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