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Bhopal. मध्य प्रदेश में नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। इन पदों के प्रत्याशियों को सीधे मतदान के जरिए जनता ही चुनेगी। इसी के साथ प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है। इस बारे में निर्णायक फैसला मंगलवार, 24 मई की रात प्रदेश बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की चर्चा के बाद लिया गया।
महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए सरकार नगर निगम अधिनियम 1956 और नगर पालिका अधिनियम 1961 में बदलाव करेगी। इसके लिए जरूरी अध्यादेश नए सिरे से मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
गृह मंत्री ने सब साफ किया
बुधवार यानी 25 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल किया गया कि महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए अध्यादेश भेज दिया गया है, इस पर नरोत्तम ने कहा कि अभी तक इससे संबंधित कोई अध्यादेश राज्यपाल को नहीं भेजा गया है।
मेयर और नगरपालिका अध्यक्ष के डायरेक्ट इलेक्शन पर बना हुआ है असमंजस, @drnarottammisra बोलें ऐसा कोई अध्यादेश राजभवन नहीं भेजा, मीडिया रिपोर्ट्स को किया खारिज। @JansamparkMP@INCMP@BJP4MP@bhupendrasinghopic.twitter.com/LV4kpcClZA
— TheSootr (@TheSootr) May 25, 2022
कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का लिया था फैसला
इससे पहले कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय लिया था। बीजेपी की सरकार बनने के बाद शिवराज ने कमलनाथ के निर्णय को अध्यादेश लाकर पलट दिया था। इसे डेढ़ साल तक विधानसभा में पेश ही नहीं किया गया। यहीं कारण है कि कमलनाथ के अप्रत्यक्ष प्रणली से चुनाव कराने की व्यवस्था अभी भी प्रभावी है।