खंडवा. सहकारिता विभाग (cooperative Department) में उपायुक्त (Deputy Commissioner) मीना डाबर पर गबन का आरोप लगा है। मामला तब का है, जब वे रायसेन (Raisen) में पदस्थ थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 1.54 करोड़ रुपए का गबन किया था। पुलिस ने मीना डाबर (Meena Dabur) पर केस दर्ज कर लिया है। मीना डाबर रायसेन में डिप्टी कमिश्नर पद थीं। आरोप है कि रायसेन में मीना ने यहां पर उन्होंने उस समय प्रशासक रहे नारायण सिंह हाड़ा (Narayan Singh Hada) और तत्कालीन ब्रांच मैनेजर (सहकारिता भोपाल) रामबाबू शर्मा (Rambabu Sharma) के साथ मिलकर जालसाजी की। किसान की जमीन को एक संस्था (सेवा सहकारी संस्था उदयपुरा) के नाम पर बताया और इसके आधार पर सड़क विकास निगम से मुआवजा ले लिया।
यह है पूरा मामला
मीना डाबर, रामबाबू शर्मा और एनएस हाड़ा ने मिलकर रायसेन जिला निवासी किसान खुमानसिंह धाकड़ की जमीन को कागजों में खेल करके सहकारी संस्था के नाम से जमीन को दिखाया। संस्था को मीना डाबर समेत रामबाबू शर्मा, एनएस हाड़ा ने सांठगांठ करके स्थानीय किसान खुमानसिंह धाकड़ (Khuman Singh Dhakad) की जमीन सहकारी संस्था के नाम बताकर सड़क विकास निगम से 1 करोड़ 53 लाख 64 हजार 766 रुपए का मुआवजा लिया। मुआवजे की प्राप्त राशि में से 1.41 करोड़ रुपए निकालकर तीनों ने आपस में बांटे। वर्तमान में मीना डाबर खंडवा में सहकारिता उपायुक्त के पद पर है। डाबर जल्द ही रिटायर होने वाली हैं।
अफसर की कुर्सी खतरे में
यदि इस मामले में कोर्ट एक्शन लेता है तो मीना डाबर की कुर्सी खतरे में आ सकती है। इस बारे में जब मीना डाबर से बात की, तो उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कोई FIR नहीं हुई है। जबकि पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों ने भ्रष्टाचार किया है। रायसेन जिले के उदयपुरा थाना में 26 अक्टूबर 2021 को केस दर्ज किया गया। मामला मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की कंडिका के तहत दर्ज किया गया है।