उपद्रवियों ने बड़े भाई के सामने छोटे को गोली मारी, मां के आने से पहले दफनाया

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Atul Tiwari
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उपद्रवियों ने बड़े भाई के सामने छोटे को गोली मारी, मां के आने से पहले दफनाया

रायसेन. यहां के सिलवानी में होली के मौके पर भड़के उपद्रव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मामला उमरिया खुर्द इलाके का है। गली से गुजरने की जरा सी बात पर झगड़ा बढ़ गया। 18 मार्च यानी होली की रात दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प में राजू आदिवासी की मौत हो गई। राजू इसी दिन अपने गांव चंदपुरा आया था। राजू शादीशुदा है और उसके 3 बच्चे हैं। राजू होली की शाम को घर में परिवार के साथ होली खेल रहा था। मां छोटी बाई ने उसे बताया कि गांव के पास खमरिया खुर्द में झगड़ा हो गया है। बड़ा बेटा रामजी नहीं दिख रहा। मां के इतना कहते ही राजू को लगा कि हो सकता है, रामजी भी झगड़े में फंस गया हो।



वह तुरंत से खमरिया खुर्द के लिए निकल गया। घटनास्थल पर राजू उपद्रवियों के बीच बड़े भाई को तलाश रहा था। जैसे ही भाई दिखा, तभी उपद्रवियों ने राजू को गोली मार दी। बड़ा भाई रामजी कुछ समझ पाता, उससे पहले उपद्रवियों ने राजू को ट्रैक्टर से भी कुचल डाला। जान बचाते हुए रामजी खेत में छिप गया। उपद्रवियों ने छोटे भाई की बाइक भी फूंक दी। देर रात रामजी घर आया।



पुलिस ने ये बताया: 19 मार्च सुबह 7 बजे पुलिस ने बताया कि राजू हिंसक झड़प में घायल हो गया है। उसे भोपाल के हमीदिया में अस्पताल में भर्ती कराया गया। मां छोटी बाई बेटे को देखने भोपाल रवाना हो गई। दोपहर में वे हमीदिया पहुंचीं। प्रशासन ने छोटी बाई को बताया कि राजू की मौत हो चुकी है। शव घर भेज दिया गया है। मां अस्पताल में बिलखती रही कि बेटे का चेहरा तो दिखा दो...।



प्रशासन ने आनन-फानन में शव दफनाया: अब तक राजू की लाश उसके गांव पहुंच चुकी थी। रामजी मां के वापस आने का इंतजार कर रहा था। इसी बीच प्रशासन ने यह कहकर परिवार पर दबाव बनाया कि राजू के शव से काफी दुर्गन्ध आ रही है, जल्दी दफना दो। मां आती रहेगी। रामजी कहता रहा कि मां के आने पर ही वह भाई का अंतिम संस्कार करेगा, लेकिन प्रशासन नहीं माना। राजू के शव को दफना दिया। रात करीब साढ़े सात बजे पुलिस भोपाल से उसकी मां को लेकर गांव पहुंची। तब तक बेटा दफन हो चुका था। मां चीखती रही कि मेरे बेटे को दिखा दो... मैं लकड़ी दे दूं...।



राजू की पत्नी बेसुध: राजू उदयपुरा (रायसेन) में किसी महाराज के घर में काम करता था। वह बहुत कम ही गांव आता था। होली के दिन ही गांव पहुंचा था। राजू के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा अंश (4), बेटी आशिका (2) और सबसे छोटी बेटी 8 महीने की है। पति की हत्या की जानकारी लगने के बाद पत्नी माया घर में अपने तीन बच्चों के साथ बेसुध बैठी रही। परिवार को अब बच्चों के पालन-पोषण की चिंता है।



हिंसा में 38 गंभीर, 32 भर्ती: उपद्रव में 38 लोगों को गंभीर चोट आईं। 6 की हालत नाजुक है। 32 घायलों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 13 साल की लड़की भी शामिल है। घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों की विशेष टीम लगाई गई है।


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