रायसेन/भोपाल. रायसेन के सिलवानी में दो समुदायों के बीच हुए खूनी संघर्ष में दूसरी मौत हो गई। 24 मार्च को आदिवासी युवक हरि सिंह ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में दम तोड़ा। होली की रात (18 मार्च) को यहां के खमरिया खुर्द गांव में हिंसा भड़क गई थी। घटना में पहले राजू आदिवासी की मौत हो गई थी और करीब 40 लोग घायल हुए थे।
मामले की गंभीरता देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घायलों से मिलने पहुंचे थे, मृतक के परिवार और घायलों को मुआवजे का ऐलान किया था।
ये हुआ था: 18 मार्च की शाम 6 बजे चंदपुरा के तीन लड़के अखिलेश, जगदीश और रमन प्रतापगढ़ से किराना खरीदकर बाइक से घर लौट रहे थे। वो पान मसाला खाने के लिए खमरिया खुर्द के यात्री प्रतीक्षालय के पास रुके। उन्होंने बाइक सड़क पर खड़ी कर दी। खमरिया खुर्द के युवकों ने उनसे बाइक हटाने को कहा। इस बात को लेकर विवाद हो गया, जो मारपीट में बदल गया।
घायल हुए चंदपुरा के लड़कों ने अपने गांव में खबर भिजवाई। इसके बाद चंदपुरा समेत 6 गांवों के लोगों ने खमरिया खुर्द को घेर लिया। सुलह की कोशिश भी हुई, पर किसी ने खमरिया खुर्द के लोगों को भड़का दिया। देखते ही देखते फायरिंग, आगजनी और पथराव होने लगा। इस उपद्रव में गोली लगने से राजू आदिवासी की मौत हो गई। 38 लोग घायल हो गए।
पुलिस के सामने हुआ खूनी संघर्ष: चंदपुरा और खमरिया खुर्द गांव के झगड़े में पोनार, चैनपुरा, पोंडी, मरहटी, सालाबर्रू और सर्रा गांव के लोग भी आ गए। इस बवाल की सूचना मिलते ही सिलवानी थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन संख्या बल कम होने से हालात संभालने में नाकाम रही। पुलिस के सामने ही बवाल होता रहा। लोगों ने वाहनों से एक-दूसरे को कुचलने की कोशिश की। कई वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया। साथ ही घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस के मुताबिक, खमरिया खुर्द और चंदपुरा के रास्ते में कई लोग घायल पड़े मिले थे।