MP में बवाल: राजा मिहिर भोज को गुर्जर बताया, दो गुटों में टकराव, बसों पर पत्थर फेंके

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MP में बवाल: राजा मिहिर भोज को गुर्जर बताया, दो गुटों में टकराव, बसों पर पत्थर फेंके

ग्वालियर. राजा मिहिर भोज (Mihir Bhoj) की जाति (Caste) को लेकर ग्वालियर और मुरैना में दो वर्गों के बीच टकराव बढ़ने लगा है। गुर्जर (Gurjar) और क्षत्रिय (Kshatriya) सम्राट को अपनी-अपनी जाति का बता रहे हैं। मुरैना में सड़क जाम के बाद बानमौर में 12 से ज्यादा युवकों ने 23 सितंबर की रात मुरैना और ग्वालियर के बीच चलने वाली बसों में तोड़फोड़ की। सामुदायिक संघर्ष की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने आगामी तीन दिनों तक मुरैना में स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद रखने के आदेश देर रात जारी कर दिए हैं।इतिहास में मिहिर भोज का गुर्जर-प्रतिहार वंश का शासक बताया गया है। उन्होंने 836-885 ईसवी (AD) तक शासन किया।

क्या है विवाद?

कुछ दिन पहले ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति लगाई गई। इसके बाद मुरैना में भी लगाई गई। इस मूर्ति के नीचे लगे शिलालेख में उन्हें गुर्जर बताया गया। इसी बात को लेकर दोनों वर्गों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। यह विवाद अब धीरे-धीरे वर्ग संघर्ष का रूप लेता जा रहा है। 

पट्टिका से गुर्जर हटाने की मांग

मुरैना में 23 सितंबर को दिन में एक समुदाय के लोगों ने जाम लगाया था। उनकी मांग थी कि राजा मिहिर भोज की पटि्टका पर जिस वर्ग का नाम लिखा है, वह गलत लिखा है, उसे हटाया जाए। लोगों को हटाने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और भीड़ को तितर-बितर किया गया। इसके बाद रात करीब 10 बजे बानमौर में ग्वालियर-मुरैना के बीच चल रहीं बसों में तोड़फोड़ कर दी। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ। इसे दिन में किए गए विरोध का जवाब माना जा रहा है।

पोस्टर फाड़े, पुलिस बेबस

बस में बैठी सवारियों की मानें तो बानमौर में पुलिस थाने के सामने लड़कों ने वर्ग विशेष के लोगों के पोस्टर फाड़े। बताया जाता है कि एक तरफ युवक पोस्टर फाड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ थाना प्रभारी (TI) समेत अन्य अमला इसे देख रहा था। 

ग्वालियर में भी सख्ती

ग्वालियर में कलेक्टर और SP ने दोनों जातियों के संगठन नेताओं का बुलाया। कहा- मिहिर भोज किसी भी वंश या समुदाय के हों, लेकिन उनको लेकर शहर में माहौल ना बिगाड़ा जाए। अगर चेतावनी के बाद भी कोई सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ता है, तो वह NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) और जिलाबदर की कार्रवाई के लिए तैयार रहे। मामला कोर्ट में है। जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता है, तब तक किसी भी तरह का विवाद न करें। लिहाजा दोनों पक्षों ने एक दूसरे से गले मिलकर वादा किया है कि वह किसी तरह का कोई विवाद नहीं करेंगे। साथ ही पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेंगे।

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