हरीश दिवेकर. राज्य सरकार नए सिरे से ग्रामीण परिवहन नीति तैयार कर रही है। ग्रामीण रूट पर वाहन चल सकें, इसे सुनिश्चित करने के लिए 5 हजार रुपए प्रति माह देने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट को पॉयलेट के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र विदिशा में शुरु किया जा सकता है। यहां 7 से 20 सीटर यात्री वाहन ऐसे 76 ग्रामीण रुटों पर चलाए जाना प्रस्तावित किए गए हैं, जहां पहले से वाहन नहीं चल रहे हैं। इस प्रोजेक्ट 1513 किमी वाले ग्रामीण रूट में 546 गांवों को परिवहन सुविधा मिल पाएगी। इन पर सरकार को सालाना 44.16 लाख रुपए का आर्थिक भार पड़ेगा। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने बताया कि नई ग्रामीण परिवहन नीति का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। इसे विदिशा से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा सकता है।
गांवों तक ट्रांसपोर्ट पहुंचाने का प्रयास: प्रदेश के गांव-गांव तक परिवहन सेवा मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार चौथी बार कोशिश कर रही है। इसके पहले तीन बार किए गए प्रयोग बुरी तरह नाकाम रहे। सबसे पहले 2010 में ग्रामीण परिवहन नीति बनाई गई थी, लेकिन सही मायने में कागजों से बाहर ही नहीं आ पाई। इस नीति को मैदान में उतारने के लिए दो बार ग्रामीण नीति में बदलाव भी किया गया। बस आपरेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन परमिट देने के साथ-साथ चिन्हित ग्रामीण रूटों पर प्रति सीट 120 रुपए के टैक्स को घटाकर मात्र 20 रुपए किया गया था, इसके बावजूद किसी भी बस आपरेटर ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया। इसके बाद तीसरी बार नीति में बदलाव कर गांव के युवकों को ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में लोन देकर छोटे वाहनों को ग्रामीण रूट पर चलाने की बात कही गई, लेकिन वो योजना भी कारगर साबित नहीं हुई।
1600 ग्रामीण सड़कों पर दौड़ेंगे वाहन: अगर नई ग्रामीण सड़क परिहवन नीति का पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो शुरुआती दौर में 1600 ग्रामीण सड़कों पर छोटे सवारी वाहन दौड़ाए जाएंगे। प्रस्तावित योजना के अनुसार 15 किमी तक ग्रामीण सड़कों में साधारण सड़क शामिल हो तो वे भी ग्रामीण रूट की श्रेणी में आएंगे।