अतुल अग्रवाल, सागर. यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बीते 7 मार्च से लगातार आंदोलन कर रही हैं, धरने पर बैठी हैं। 15 अप्रैल को यहां घटनाक्रम अचानक बदल गया। इलाज के दौरान दूसरी कार्यकर्ता की मौत हो गई। 14 अप्रैल को तीन मढ़िया स्थित आंदोलनस्थल पर शहनाज बानो बेहोश होकर गिर गई थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। शहनाज को हार्टअटैक आया था, इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। 8 दिन पहले एक आंगनवाड़ी सहायिका पार्वती अहिरवार की भी मौत हो गई थी। दो मौतों को लेकर महिला कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा है।
जनाजा रखकर प्रदर्शन की चेतावनी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने ऐलान किया कि 15 अप्रैल को आंदोलनस्थल पर शहनाज बानो का जनाजा रखकर प्रदर्शन किया जाएगा। मामले में प्रशासन की सांसे फूल गईं। मौके पर एसडीएम पहुंचीं और पुलिस ने मोर्चा संभाला। जनाजे को आंदोलनस्थल पर लाने की अनुमति नहीं दी गई। इसको लेकर महिला कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई। जैसे ही शहनाज का शव घर पहुंचा, पुलिस की अनुमति ना होने के बावजूद महिलाएं घर पहुंच गईं। कलेक्टर और एसपी ने उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझाइश दी। इसके बाद शहनाज की अंतिम यात्रा रवाना हुई।
नाम लेकर आरोप लगाए
एक कार्यकर्ता ने कहा कि हमारी एक बहन शहीद हो गई। रजनी बारोलिया और रचना बुधोलिया की प्रताड़ना के चलते उनकी जान चली गई। सेवासमाप्ति का नोटिस पढ़कर उसे सीने में दर्द हुआ, हम लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उसकी मौत हो गई। 24 घंटे के अंदर अगर रजनी बारोलिया और रचना बुधोलिया को सस्पेंड नहीं किया तो हम आमरण अनशन कर देंगे। कल 28 जिलों की अध्यक्ष हमारी शहीद हुई बहन को श्रद्धांजलि देने आ रही हैं।
एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि कई मुस्लिम महिलाएं कई दिनों से रोजे के साथ आंदोलन कर रही हैं। अगर कुछ हो जाए तो हम लोगों के लिए कौन लड़ेगा। शिवराज सरकार से हम यही कहना चाहते हैं कि या तो हमें मानदेयभोगी से वेतनभोगी बनाएं या तो नौकरी से निकाल दें। हम लोगों की हालत देखना हो तो यहां आकर देखें।