सागर. यहां डॉक्टरों ने एक महिला के पेट से आधा किलो का पत्थर निकाला। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (BMC) में प्रेग्रेंट महिला डिलीवरी के लिए आई थी। इसी दौरान उसके यूरिनरी ब्लैडर से नारियल जैसा पत्थर निकला। महिला ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद ऑपरेशन कर उसके ब्लैडर से पत्थर निकाला गया। महिला और नवजात दोनों स्वस्थ हैं।
ये है मामला: सागर के सानौधा गांव की प्रीति अहिरवार (20) को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से उसे BMC रैफर किया गया। महिला की पहली डिलीवरी थी। डॅाक्टर ने सोनोग्राफी की तो बच्चा ठीक था, लेकिन ब्लैडर में स्टोन समझ नही आ रहा था।
BMC के ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरण ने जांच के बाद अपनी टीम के साथ सर्जरी शुरू की। इसके बाद महिला ने 1.7 किलो के बच्चे को जन्म दिया। उसी दौरान महिला के यूरिनरी ब्लैडर में स्टोन होने की पुष्टि हुई। इसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने दूसरा ऑपरेशन किया। जिसमें 10 सेंटीमीटर लंबा और 500 ग्राम वजनी स्टोन निकाला।
ऐसे बनता है ब्लैडर स्टोन: ब्लैडर स्टोन होने का कारण ब्लैडर में पानी की कमी है। एक बार में पूरा यूरिन नहीं निकलता है, जिससे थोड़ा-थोड़ा हर बार बच जाता है, उसी वजह से ब्लैडर स्टोन तैयार होता है। यह लंबे समय में बड़ा रूप ले लेता है और पत्थर बन जाता है।
हजारों में होता है एक मामला: डॉ. दीप्ति गुप्ता ने बताया कि BMC में अभी तक ब्लैडर स्टोन या ब्लैडर केल्कुलाइट के 4 मामले सामने आ चुके हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लैडर में स्टोन होने के हजारों में एक या दो ही मामले होते हैं। प्रेग्नेंसी के साथ ब्लैडर में स्टोन बहुत ही कम होता है