![नया ‘कालीचरण’: कथावाचक तरुण मुरारी बोले- गांधी ने देश के 2 टुकड़े किए, वो देशद्रोही; FIR](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/sootr/media/post_banners/21ec1933cf1a6c23ce2703aaf8d195d341047748115146199a365a47745f5804.jpeg)
भोपाल. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर कालीचरण महाराज की बदजुबानी का मामला अब तक थमा नहीं है। कालीचरण पर कई जगह केस दर्ज हुए हैं। अब नरसिंहपुर में भागवत कथा वाचक तरुण मुरारी बापू ने महात्मा गांधी को लेकर विवादास्पद बयान (Controversial Statement) दिया है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र के टुकड़े कर दें, वह राष्ट्रपिता कैसे हो सकता है? तरुण मुरारी पर नरसिंहपुर में केस दर्ज किया गया है।
ये बोले तरुण मुरारी: वो (गांधीजी) महात्मा नहीं है। ये असत्य बोला जा रहा है। दूसरा कहा जा रहा है राष्ट्रपति, वो राष्ट्रपिता नहीं है। इससे ज्यादा आप जानकारियां लेना चाहते हैं तो आप RTI दायर करके ले सकते हैं, वो निशुल्क दी जाती है। मैं अपनी अभिव्यक्ति की आजादी (Freedom of Speech) से कहना चाहता हूं कि दो राष्ट्र (2 nation) थ्योरी देने वाला कोई व्यक्ति है तो वो है करमचंद गांधी, जिसने भारत के 2 टुकड़े करे। जो राष्ट्र के टुकड़े कर दे, वो पिता कैसे हो सकता है? इसलिए हम इनका घोर विरोध करते हैं। ये ना तो राष्ट्रप्रेमी है, ना तो राष्ट्रपिता हैं, ना महात्मा हैं। मेरी नजर में वो देशद्रोही (Traitor) हैं।
नरसिंहपुर. गांधी राष्ट्रपिता नहीं, देशद्रोही: कथा वाचक तरुण मुरारी की भाषा सुन लें...@INCMP@BJP4MP@drnarottammisra@ChouhanShivraj@jitupatwari@KunalChoudhary_ pic.twitter.com/rPDvANYToX
— TheSootr (@TheSootr) January 4, 2022
बाद में बयान से पलटे: जब मीडिया तरुण मुरारी से उनका वर्जन जानने पहुंचा तो उन्होंने सफाई दी। बोले- बात गांधी की नहीं है। जो देश तोड़ने की बात करेगा, उसे राष्ट्रद्रोही कहने में कोई बुराई नहीं है। भारत एक अखंड भारत था, उसे अखंड भारत रहना चाहिए था। आप लोग उनके (गांधीजी) बारे में सम्मान से बात करते हैं, हो सकता है उन्होंने देश के लिए अच्छा काम किया हो। हमने इतिहास (History) में वही पढ़ा, जो पढ़ाया गया। कभी किसी एक व्यक्ति (गांधी या नेहरू) ने लाठी खाई हो, ऐसी हमें जानकारी नहीं है। देश के लाखों स्वतंत्रता सेनानी जो फांसी के फंदे पर झूल गए, उनके बारे में हमें सही जानकारी नहीं दी जा रही। मैंने तो जो कहा वो करमचंद गांधी के बारे में कहा। जब पत्रकारों ने कहा कि गांधीजी को ही मोहनदास करमचंद गांधी कहा जाता है, इस पर तरुण मुरारी बोले कि सबकी अपनी-अपनी सोच होती है।
माफी मांगने की रखी शर्त: तरुण मुरारी ने साफ कहा कि RTI लगाकर पूछ लीजिए कि क्या गांधी को राष्ट्रपिता घोषित किया गया। अगर उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया गया तो मैं माफी मांगने के लिए तैयार हूं। अगर उन्हें राष्ट्रपिता घोषित नहीं किया गया तो माफी नहीं मांगूंगा। ये पूछने पर कि मुद्रा पर उनकी फोटो है, इस पर बोले कि मुद्रा पर उनकी फोटो पहले से चल रही है। देश आजाद होने के बाद से है। जो सत्ता पहले थी, उसने किया। एक दिन जरूर आएगा, देश की मुद्रा पर सुभाषचंद्र बोस, सावरकर की फोटो भी आएगी।