भोपाल. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ बीजेपी विधायक (BJP MLA) अजय विश्नोई ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है, जिसमें बिजली कंपनियों से मेंटेनेंस कराने की बात कही है। विश्नोई ने हाल ही में असंतुष्ट विधायकों की अपने घर पर मीटिंग भी बुलाई थी। साफ है कि विश्नोई मुख्यमंत्री से सीधे हेडऑन लेने के मूड में हैं।
विश्नोई ने क्या लिखा?
7 अगस्त को विश्नोई ने शिवराज को लिखा- प्रदेश में विद्युत व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। आम उपभोक्ता विशेष तौर पर कृषि और ग्रामीण उपभोक्ता प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही हजारों करोड़ रुपए की सब्सिडी से सीधे प्रभावित नहीं होता, परंतु मेंटेनेंस के अभाव से पैदा होने वाले विद्युत व्यवधान से व्यथित होकर सरकार से नाराज होता है। पिछले 3 साल से तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा आवश्यक मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा। विद्युत नियामक आयोग द्वारा मेंटेनेंस की प्रस्तावित राशि का 25% से भी कम मेंटेनेंस के लिए दी जा रही है। इसके कारण प्रदेश की विद्युत वितरण व्यवस्था लड़खड़ा गई है।
अनुरोध है कि तीनों बिजली कंपनियों के लिए जरूरी 800-900 करोड़ रुपए मेंटेनेंस के लिए दिए जाएं। विश्वास करें कि ये राशि लोगों पर सब्सिडी में दी जा रही 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा प्रभाव डालेगी। इससे सरकार की वाहवाही होगी।
11 अगस्त को असंतुष्ट विधायकों की मीटिंग बुलाई थी
11 अगस्त की शाम बीजेपीअजय विश्नोई के बंगले पर असंतुष्ट (unsatisfied) विधायकों की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक मे विश्नोई ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन (execution) पर सवाल उठाए। हर महीने की 7 तारीख को मनाए जाने वाले अन्न महोत्सव पर विश्नोई ने विधायकों से कहा- अब क्या हम हर महीने हम राशन (Ration) की दुकान पर जाकर बैठेंगे। इस बैठक मे 25 विधायकों शामिल होना था। लेकिन कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की भुट्टा पार्टी के आयोजन के चलते 7 लोग ही पहुंच सके। इनमें राजेंद्र शुक्ला, नागेंद्र सिंह, केदार शुक्ला, यशपाल सिंह सिसोदिया, गौरीशंकर बिसेन, पूर्व विधायक जयंत मलैया और दीपक जोशी थे।