राहुल तिवारी, Shehdol. यहां 13 साल की बच्ची की नदी में डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि नदी में रेत निकालने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, यही मौत की वजह हैं। रेत खनन कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग उठने से हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे खनन से नदी का प्रवाह और दिशा बदल गई है, इससे भी लोग नाराज हैं। हादसा जयसिंहनगर थाना क्षेत्र के मसीरा गांव का है, जहां वंशिका ग्रुप की रेत खदान संचालित है।
ये है मामला
जयसिंहनगर क्षेत्र के मसीरा घाट (सोन नदी) पर 13 साल की बच्ची अंजलि केवट अपने हमउम्र बच्चों साथ सुबह करीब 9.00 बजे नहाने गई। बच्ची को अच्छे से तैरना भी आता था। बताया जा रहा है कि अंजलि दलदल नुमा गहरे गड्ढे मे डूबकर मौके पर ही मौत हो गई।
लोगों का आरोप
स्थानीय लोग अंजलि की मौत की वजह रेत उत्खनन करने वाली कंपनी वंशिका ग्रुप की मनमानी को मान रहे हैं। उनका कहना है कि जिस जगह पर बच्ची डूबी है, वह दलदलनुमा गहरा गड्ढा इसी कंपनी ने किया है। बताया जा रहा है कि घाट के आसपास रेत निकालने के चलते सैकड़ों गड्ढे बन गए हैं। बहरहाल, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर बच्ची का शव परिजन को सौंप दिया है।
वहीं, बच्ची के पिता समेत मसीरा के ग्रामीण जयसिंहनगर थाने में डटे हुए हैं और वंशिका ग्रुप के जीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वंशिका ग्रुप की इस प्रकार की लापरवाही और मनमानी की शिकायत कई बार जिले और संभाग के आलाअधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, घटना पर एएसपी मुकेश वैश्य ने कहा कि केस दर्ज कर लिया है, जांच कर रहे हैं।
सोन नदी में बन रहे खाईनुमा गड्ढे
सूत्रों के अनुसार, सोन नदी के मसीरा घाट में वंशिका ग्रुप द्वारा रेत खदान संचालित की जा रही है। यहां एक लंबे अर्से से बड़ी मशीनों से काफी गहराई में खोदकर रेत निकाली जा रही है। इसकी वजह से इस नदी में जगह-जगह 15 से 20 फीट तक के गहरे सैकड़ों खाईनुमा गड्ढे मौजूद हैं।