शाजापुर में एक किसान अपने दो बैलों को लेकर चर्चा में है। आपने मुंशी प्रेमचंद की दो बैलों हीरा- मोती की कहानी तो पढ़ी होगी। किसान की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। किसान जगदीश सिसोदिया के राम और श्याम नाम के दो बैल थे। इनकी मौत के बाद किसान ने जो किया उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
बैलों का किया क्रियाकर्म, नगर भोज कराया: मामला शाजापुर के मदाना गांव का है। किसान जगदीश अपने दोनों बैलों से बहुत प्यार करते थे। यही वजह है कि दोनों की मौत के बाद जगदीश ने पूरे रीति रिवाज के साथ इनका क्रिया कर्म किया। इसके बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यहां लोगों ने मृत बैल को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उज्जैन में जाकर तर्पण किया और गांव में पगड़ी रस्म कर 4 हजार लोगों के लिए खाना बनवाया।
किसान के बेटों की तरह थे बैल: किसान जगदीश सिसोदिया ने बताया कि परिवार में पांच बेटियां और एक बेटा है। बच्चे अभी छोटे हैं। राम और श्याम नाम दोनों बैल उनके बेटे की तरह थे। दोनों बैल 30 सालों से खेती में मदद करते थे। राम की मौत तीन साल पहले हो गई थी। 15 दिन पहले पूर्णिमा पर श्याम की मौत हो गई। श्याम की मौत के बाद किसान ने क्रियाकर्म का निर्णय लिया। भगवान खाटू श्याम की भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। साथ ही महाकाली कामधेनु गौशाला में भी पांच हजार रुपए दान किए।