SHIVPURI. पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कोलारस में सरपंच एवं सचिवों की बैठक ली। इसमें प्रशासन को लेकर सरपंचों की खासी नाराजगी दिखी। एक सरपंच ने दो टूक कहा कि 6 महीने से 6 रुपए का काम नहीं आया। हमें जनता ने विकास के लिए चुना है और वही नहीं कर पा रहे। बाद में सिसोदिया ने भ्रष्टाचार की बात मानी। उदाहरण देकर समझाया कि सुधार होने में 8 नहीं, 80 साल भी लग सकते हैं।
हम तो झोला भरते जा रहे, थैला भरते जा रहे- सरपंच का आरोप
रांची सरपंच प्रतिनिधि गोलू यादव ने मंत्री से शिकायत की- अधिकारी-प्रशासन नहीं सुने तो क्या करेंगे। 6 महीने में 6 रुपए का काम नहीं हुआ। मैं दूसरी बार सरपंच हूं, लेकिन क्या करूं। प्रशासन के कुछ तो ऐसे काम हैं कि कहने में ही शर्म आ रही है।...झोला भरते जाएं, थैला भरते जाएं। जनता इसलिए प्रतिनिधि चुनती है कि विकास करेगा। अब हम झोला भरके दे दें तो विकास कहां से करेंगे, ये बताइए। हम तो महाराज साहब आपके सेवक हैं, सिपाही हैं। गांव की एक पंचायत में उठाकर देख लीजिए, काम बंद पड़े हैं। हर चीज में परसेंट देना पड़ेगा तो कैसे चलेगा।
मंत्री सिसोदिया और सरपंच प्रतिनिधि के बीच मजाक-मजाक में सच्चाई आई
इसके बाद पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने जवाब दिया- अपन ही जज हैं, अपन ही वकील हैं और अपन ही खाने वाले हैं। भ्रष्टाचार तभी बरसता है, जब तीन चीजें इकट्ठी होती हैं। कहते हैं कि शिकायत करोगे तो ईमानदारी सो जाएगी। अब जज साहब भ्रष्ट हो जाएं और वकील कुछ कहे तो कहेंगे कि धीरे-धीरे सबको ठीक करना पड़ेगा। इसके लिए 8 तो क्या 80 साल भी लग सकते हैं।
मंत्री सिसोदिया ने सरपंच प्रतिनिधि से पूछा कि मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हो। गोलू यादव ने कहा- हां। मंत्री ने पूछा- क्यों। गोलू ने कहा- भगवान से पुण्य मिले, इसलिए चढ़ोतरी लगती है। इस पर सब हंस दिए। मंत्री ने कहा- देखो, ये तुम्हारा स्वार्थ हो गया ना। इस पर सरपंच ने कहा- भगवान तो सुनते हैं...।
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