भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने 6 जनवरी को समीक्षा बैठकों (review meeting) का दौर लगातार चौथे दिन जारी रखा। शिवराज ने आधा दर्जन विभागों की बैठकें की। शिवराज ने नर्मदा घाटी विकास विभाग (Narmada Valley Development Department) के लिए ठोस काम करने की नसीहत दी। वहीं सामाजिक क्षेत्र में निजी सहयोग को बढ़ाने के लिए भी कहा। मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग (Fishermen Welfare and Fisheries Development Department) की बैठक में मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सम्पूर्ण जनजातीय समाज (Tribal Society) की स्थिति बदलनी है, तो केवल शिक्षा ही नहीं, रोजगार भी देना होगा। हमें इन बच्चों के भविष्य की प्लानिंग करनी होगी। हमें इस विभाग का स्वरूप ही बदल देना है। जनजातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति भी बदलना है।
नर्मदा घाटी विकास विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
- जो लक्ष्य बताए हैं, उनका रोडमैप बनाकर काम शुरू करें।
कोई भी यदि काम में ढिलाई बरत रहा है, तो उसे कस दें।
प्रति एकड़ सिंचाई के लिए हम कितना पैसा खर्च कर रहे हैं, उसका प्रचार करें।
निर्मित सिंचाई की क्षमता का उपयोग करने का प्लान प्रस्तुत कीजिए।
सभी सिंचाई योजनाएं, जो कंप्लीट हो रही हैं, उनका प्रचार करें।
बड़ी योजनाओं का ऑपरेशन और मेंटेनेंस की पूरी व्यवस्था हो।
जितनी भी परियोजनाएं हैं, उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने की गारंटी हो।
जल संसाधन विभाग की बैठक के मुख्य बिंदु
- सिंचाई के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों से संबंधित एक बुकलेट बने, जो भारत सरकार, जल विशेषज्ञों को भेजे । इससे हमारे अच्छे कार्यों का प्रचार-प्रसार होगा।
खान नदी में प्रदूषण होना हमारी असफलता है। इसमें प्रदूषण रोकने का कार्य ढंग से करें। इसका पुख्ता समाधान निकालें।
अटल भू-जल योजना के क्रियान्वयन में हम देश में अव्वल कैसे आएँ, इस पर काम करें।
राज्य की जल उपभोक्ता समितियों के सदस्यों का एक सम्मेलन हो।
योजना समय पर पूरी हो, और अगर बिना वाजिब कारण के देरी हो रही है, तो जिम्मेदारी तय करें।
अब हम प्रेशराइज्ड पाइपलाइन की योजना बना रहे हैं। इसके मेंटेनेंस, संचालन सहित अन्य सभी आवश्यक बिंदुओं पर काम करें।
सिंचाई जैसे कामों में गड़बड़ होती है। यह गड़बड़ न हो इसके लिए प्रयास करें। जनता के पैसों का सदुपयोग हो।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
- हमारी मीठे पानी की मछलियों की ब्रांडिंग होना चाहिए।
जो गरीब मछुआरे हैं, उनकी आजीविका किसी भी कीमत पर सुनिश्चित करें।
अनेक स्थानों पर दबंग आते हैं और तालाबों पर कब्जा करते हैं। यह न हो।
हमारा काम है मत्स्य उत्पादन बढ़ाना।
मछली पालन में मनरेगा के तहत लाभ दिया जाएगा।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित करें।
जनजातीय कार्य विभाग
- मुझे सीएम राइज़ स्कूल के लिए ठोस रणनीति चाहिए।
हमारे प्रस्ताव भारत सरकार के पास समय पर जाएँ।
हॉस्टल का इंस्पेक्शन कौन करेगा, वो क्या करेगा, दौरे का पूरा ब्यौरा मुझे चाहिए!
हमें विभाग में निरंतरता बनाने की ज़रूरत है।
निर्माण के काम, पीने का पानी, बाथरूम, रहने की व्यवस्था सहित सभी काम समय से ठीक चलते रहे
कमिटेड अधीक्षक होने चाहिए जो बच्चों को प्यार करे, उनका ध्यान रखे।
तात्कालिक और दीर्घकालिक कैडर बनाएँ।
बच्चों के भोजन की क्वालिटी की जानकारी एप्प पर डालें।
जब तक पारदर्शी सिस्टम नहीं बनाएंगे, तो अनियमितता चलती रहेगी।
सलाहकार परिषद बनाएँ जिससे मॉनिटरिंग सही हो।
छः महीनों में स्थिति बदलना चाहिए।
जनजातिय वर्ग के बच्चे भी नीट और क्लैट जैसे एग्जाम क्रैक करें, ऐसी व्यवस्था बनाएं।