Rewa. भारतीय जनता पार्टी में ज्यादा से ज्यादा धार्मिक दिखने की स्पर्धा में अब विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी शामिल हो गए हैं। रीवा की देवतलाब विधानसभा स्थित शिवमंदिर के प्रबंधन से जुड़े निर्णय अब उनकी रुचि के हिसाब से होने लगे हैं।
रीवा जिले के श्रद्धालुओं के बीच देवतलाब के शिवमंदिर का बहुत महत्व है। मंदिर की व्यवस्था को लेकर 8 मई को उन्होंने पत्रकारों से बातचीत एक बात बताई। कहा- जिस तरह महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू है, वैसे ही अब देवतलाब मंदिर में भी होगा। उन्होंने कैफियत दी कि वे मंदिर की प्रबंध समिति के सदस्य हैं, इस नाते ये निर्णय बता रहे हैं। गौतम ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में महिलाएं साड़ी पहनकर और पुरुष धोती पहनकर ही प्रवेश पा सकेंगे। जींस-टॉप और केजुअल आउटफिट वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश वर्जित रहेगा।
नेताओं में धार्मिक दिखने की होड़
सिर पर गणेश प्रतिमा रखकर स्थापना व विसर्जित करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तो हर धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेते ही आए हैं।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अपनी छवि दतिया की मां पीतांबरा के परमभक्त के तौर पर स्थापित करने में लगे हैं। हाल ही वे मां पीतांबरा का रथ खींचते नजर आए थे।
नरोत्तम केंद्र के नेताओं को मां पीतांबरा के दर्शन के लिए निमंत्रित करते ही रहते हैं। अमित शाह के बाद हाल ही में योगी आदित्यनाथ भी मां के दरबार में पहुंचे थे।
राजेंद्र शुक्ल भी राम की शरण में
विन्ध्य में बीजेपी की राजनीति में गिरीश गौतम को पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल का प्रतिस्पर्धी माना जाता है। शुक्ल भी धरम-करम के आयोजनों के लिए जाने जाते हैं। अप्रैल में जब विन्ध्य के धार्मिक गुरुद्वारे लक्ष्मणबाग में रामकथा महायज्ञ हुआ तो प्रमुख जजमान वही थे। कथा सुनाने अयोध्या से रामानुज पंथ के प्रसिद्ध संत राघवाचार्य जी स्वामी महाराज आए थे। इस कथा महायज्ञ में कोई दो लाख श्रद्धालु शामिल हुए थे। राजेन्द्र शुक्ल करीब-करीब हर महीने चित्रकूट और प्रयाग साधु-संतों का आशीर्वाद लेने जाते हैं।