MP: हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पंचायत चुनाव का मामला, कल होगी सुनवाई

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MP: हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पंचायत चुनाव का मामला, कल होगी सुनवाई

भोपाल. काफी इंतजार के बाद 4 दिसंबर को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत चुनावों (Panchayat Elections) का ऐलान हुआ था। लेकिन आरक्षण (Reservation) के कारण मामला जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में पहुंच गया था। जहां हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है। याद रहे यह याचिका कांग्रेस (Congress) द्वारा लगाई गई थी। अब कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंची है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। याचिका पर 11 दिसंबर(कल) सुनवाई होगी। जबलपुर हाईकोर्ट में बकील के तौर पर विवेक तंखा पेरवी कर रहे थे, जो कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद हैं।

पूरा मामला ऐसा है

मध्यप्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित कर दिया था। जिसकी अधिसूचना प्रदेश सरकार द्वारा जारी की जा चुकी थी। इसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। शिवराज सिंह की सत्ता में वापसी हुई। कारोनाकाल होने के कारण चुनाव टलता रहा। 4 दिसंबर को चुनावी तरीखों का ऐलान हुआ है और आरक्षण निर्धारण के लिए अध्यादेश जारी किया गया है। 

इसलिए स्टे की मांग

सरकार ने पुरानी अधिसूचना को निरस्त नहीं किया है। जबकी अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2021 को आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। इसे आधार बनाकर कांग्रेस अदालत से स्टे की मांग कर रही है। हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर को मामले में सुनवाई करते हुए स्टे से मना कर दिया था। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के नोटिफिकेशन में साल 2014 के चुनाव वाली आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है, जो पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है। क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि पांच साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा। 

कांग्रेस-बीजेपी में घमासान

प्रदेश में जैसे ही पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ। वैसे ही सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस में घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस द्वारा स्टे मांगा गया था। जबलपुर हाईकोर्ट ने चुनाव पर स्टे लगाने की मांग को ठुकरा दिया था। मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने कहा था कि पंचायत चुनाव पर सरकार का ही निर्णय मान्य होगा। बता दें कि भिंड से जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिंडोलिया ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में याचिका दायर कर न्यायालय में गुहार लगाई है कि पंचायत चुनावों पर रोक लगाई जाए। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील विवेक तन्खा अब इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए तैयारी हैं। 

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