भोपाल. 2 साल से परीक्षाओं के लिए परेशान प्रदेश के 80 हजार नर्सिंग स्टूडेंट्स (Nursing Student) के लिए राहत की खबर है। उनकी समस्या के बारे में द सूत्र (the sootr) की खबर का असर हुआ है। द सूत्र ने प्रमुखता से खुलासा किया था कि पिछले दो साल से परीक्षाएं नहीं होने से परेशान छात्रों की मेडिकल यूनिवर्सिटी (medical science university) से लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग (medical education department) तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इससे छात्रों के भविष्य को लेकर संकट खड़ा हो रहा था। यह खबर प्रकाशित होने के बाद मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी प्रशासन की नींद टूटी है। उसने अब इंडियन नर्सिंग काउंसिल (Indian Nursing Council) से बीएससी नर्सिंग (BSc Nursing) के फर्स्ट, सेकंड और थर्ड ईयर की परीक्षाएं वस्तुनिष्ठ बहुविकल्प प्रश्नों (MCQ) के आधार पर कराने की अनुमति मांगी है।
पहले आईएनसी का प्रस्ताव नकारा, अब मांगी अनुमति
कोरोना महामारी के चलते इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने देश में सभी राज्यों के नर्सिंग स्टूडेंट के लिए 10 जून 2020 को एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें काउंसिल ने फाइनल ईयर के नर्सिंग स्टूडेंट्स को छोड़कर सभी स्टूडेंट को जनरल प्रमोशन देने को कहा था। काउंसिल के इस निर्देश पर कई राज्यों ने इस पर अमल किया, लेकिन मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग और मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने इस सर्कुलर को नहीं माना। लिहाजा प्रदेश में 2019-20 और 2020-21 के सेशन में बीएससी नर्सिंग के सभी स्टूडेंट की परीक्षाएं पेंडिंग हो गई। अब दबाव बढ़ने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परीक्षाओं के आयोजन के लिए INC से अनुमति मांगी है।
द सूत्र की खबर के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निकाला बीच का रास्ता
हाल ही में 22 अक्टूबर को द सूत्र ने खुलासा किया था कि मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन पिछले दो साल की परीक्षाएं एक साथ लेने की तैयारी कर रहा है। प्रभारी वाइस चांसलर एवं जबलपुर (Jabalpur) संभाग के कमिश्नर वी चंद्रशेखर (IAS V Chandrashekhar) ने द सूत्र से बात करते हुए इसकी पुष्टि की थी। द सूत्र ने सवाल उठाया था कि नर्सिंग स्टूडेंट एक साथ दो साल की परीक्षाएं कैसे दे सकते हैं। क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन स्टूडेंट को सुपर जीनियस मानता है? इसके बाद प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाला है। अब मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आईएनसी से वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर परीक्षाएं कराने की अनुमति मांगी गई है।
नर्सिंग स्टूडेंट ने ली राहत की सांस
14 जनवरी 2021 को मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के दबाव में जनरल प्रमोशन दिए जाने के अपने ही फैसले को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से नर्सिंग स्टूडेंट्स लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। 25, 26 और 27 अक्टूबर को भी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किए गए थे। इससे पहले भोपाल में भी स्टूडेंट ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Medical Education Minister MP) विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से अपना भविष्य बचाने की गुहार लगाई थी। अब परीक्षाएं एमसीक्यू आधार पर कराने की यूनिवर्सिटी प्रशासन की पहल पर नर्सिंग स्टूडेंट ने राहत की सांस ली है।
द सूत्र ने ये खबर चलाई थी
80 हजार नर्सिंग छात्र परेशानः मेडिकल यूनिवर्सिटी की लापरवाही, 2 साल से एग्जाम नहीं