राजर्षि मिश्रा, उमरिया. यहां के बरछड़ गांव में 24 फरवरी को 4 साल का बच्चा गौरव द्विवेदी खेलते-खेलते 200 फीट के बोरवेल में गिर गया था। बच्चा 28 फीट पर फंसा था। करीब 15 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरफ, एसडीईआरएफ, पुलिस की टीमें लगी थीं।
ऐसे चलाया रेस्क्यू: गौरव को बचाने में लगी रेस्क्यू टीम को 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 25 फरवरी तड़के 4 बजे सफलता मिली। टीम ने बोरवेल के समानांतर 28 फीट का गड्ढा बनाने के बाद टनल बनाकर मासूम को निकाला। इसके बाद गौरव को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। बच्चे को नजदीकी सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र (बरही) ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG शहडोल जोन) दिनेश चंद्र सागर, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसपी प्रमोद सिन्हा के साथ स्वास्थ्य अमला और पुलिस-प्रशासन भी मौके पर डटे रहे।
ये बोले डॉक्टर: ये बोले डॉक्टर: मीडिया से बात करते हुए बरही सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के डॉ. राजमणि पटेल ने बताया कि गौरव की मौत 6-7 घंटे पहले ही हो गई थी। बच्चे की मौत की मुख्य वजह पानी में डूबना और सांस लेने में तकलीफ थी। रेस्क्यू ऑपरेशन ले दौरान सैकड़ों ग्रामीण भी घटनास्थल पर मौजूद रहे। प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी गौरव के बोरवेल से सुरक्षित निकलने की ईश्वर से कामना की, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
ऐसे हुआ हादसा: जानकारी के मुताबिक, बच्चा गौरव अपनी दादी के साथ खेत गया हुआ था। दादी खेत में कुछ काम करने लगीं, बच्चा मोबाइल देख रहा था। जिस बोरवेल में गौरव गिरा, वो उसी के पिता के खेत में है। खेलते-खेलते बच्चा बोरवेल के पास पहुंच गया और उसका मोबाइल उसमें गिर गया। वह गड्ढे में देखने लगा और इसी दौरान फिसलकर सिर के बल गड्ढे में चला गया।