MP विधानसभा सत्र: 4 दिन का सत्र डेढ़ दिन चला, हंगामे के बीच सरकार ने 7 बिल पास करा लिए

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MP विधानसभा सत्र: 4 दिन का सत्र डेढ़ दिन चला, हंगामे के बीच सरकार ने 7 बिल पास करा लिए

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र दूसरे दिन ही खत्म हो गया। 9 अगस्त को शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही 12 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 10 अगस्त को डेढ़ दिन की कार्यवाही के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। पहले दिन आदिवासी मुद्दे पर हंगामा हुआ, फिर पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। दूसरे दिन भी सदन में हंगामा और बयानबाजी हुई, इसके बाद सरकार ने 7 बिल और अनुपूरक अनुमान पास कराए और सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए खत्म कर दी गई। मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने टोक्यो में शानदार प्रदर्शन कर लौटे भारतीय दल को बधाई दी थी।

नकली शराब से मौत पर फांसी की सजा

मध्यप्रदेश में शराब से मौत होने पर आरोपी को अब उम्रकैद की सजा होगी। इसके लिए सरकार ने आबकारी एक्ट में संशोधन किया है। इसके मुताबिक जहरीली शराब से मौत होने जैसे गंभीर मामलों में मौत की सजा के प्रावधान को भी जोड़ा गया है। यदि शराब में मिलावट पाई जाती है तो मौत की भी सजा का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, अवैध शराब पकड़ने के दौरान यदि किसी ने बाधा डाली तो आबकारी अफसरों को बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार होगा।

तय FAR से 30% ज्यादा निर्माण हो सकेगा वैध

प्रदेश में अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार नगरपालिका विधि संशोधन विधेयक पास कर दिया गया है। इसके मुताबिक, यदि आपने प्लॉट पर निर्धारित FAR (फ्लोर एरिया रेश्यो) से 30% ज्यादा निर्माण कर लिया है, तो उसे वैध कराया जा सकेगा। अवैध निर्माण को नियमित कराने के लिए फ्रंट एमओएस पर छूट नहीं मिलेगी। साइड व रीयर एमओएस पर अधिक निर्माण को वैध कराने की सुविधा रहेगी। अभी भी यही व्यवस्था है, इसमें बदलाव नहीं होगा। यानी मकान के आगे की तरफ ज्यादा निर्माण करने पर छूट नहीं मिलेगी, लेकिन बगल या पीछे ज्यादा निर्माण पर अतिरिक्त शुल्क देकर छूट ली जा सकती है।

शिवराज बोले- कांग्रेस का पाखंड सामने आया

प्रश्नकाल में फिर आदिवासियों का मसला गूंजा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस पाखंड कर रही है। वे समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। ये घटिया राजनीति है। आदिवासियों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। कमलनाथ ने पिछड़े वर्ग को धोखा दिया है। 27% आरक्षण बरकरार रखने के लिए इन्होंने क्या किया? कोर्ट में आरक्षण के लिए महाधिवक्ता को खड़ा क्यों नहीं किया? 

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने स्थगन के जरिए बढ़ती महंगाई पर चर्चा करने की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने पेट्रोल-डीजल पर लग रहे टैक्स को कम करने की मांग की। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर कांग्रेस नेताओं का विरोध जारी रहा। कांग्रेस विधायक काले एप्रिन पहनकर सदन में पहुंचे। 

ये प्रमुख बिल पास हुए

  • 1. मध्यप्रदेश नगरपालिक विधि संशोधन विधेयक

  • 2. मध्यप्रदेश विनियोग विनियम (निरसन) विधेयक
  • 3. महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक
  • 4. मध्यप्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक
  • 5. मध्यप्रदेश माल और सेवाकर (संशोधन) विधेयक
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