मोबाइल पर लाइव दिखेगी विधानसभा की कार्यवाही, पेपरलैस होने से हर साल बचेंगे 54 Cr

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मोबाइल पर लाइव दिखेगी विधानसभा की कार्यवाही, पेपरलैस होने से हर साल बचेंगे 54 Cr

Bhopal. अगले बजट सत्र (budget session) यानी मार्च 2023 से मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) पेपरलैस (Paperless) हो जाएगी। इससे सालाना 54 करोड़ की बचत होगी। इसमें 50 करोड़ से ज्यादा का फंड खर्च होगा। जिसमें 90 फीसदी केंद्र सरकार (Central Government) का पैसा और 10 फीसदी राज्य सरकार का फंड रहेगा। इसके लिए हाईपॉवर कमेटी (High Power Committee) बनाई गई है। ई विधानसभा बनाने की कागजी कार्यवाही पूरी हो गई है। जल्द ही इसके लिए केंद्र, राज्य और विधानसभा के बीच एमओयू (MoU) साइन होने वाला है। ई विधानसभा (E-Vidhan Sabha) बनने के बाद इसकी कार्यवाही सीधे मोबाइल पर लाइव देखी जा सकेगी। न कोई कागज होगा, न उत्तर पुस्तिका, सब कुछ डिजिटल फॉर्म में मोबाइल पर नजर आएगा। ये केंद्र की योजना है जिसके तहत देश की सभी विधानसभाओं को ई विधानसभा में बदला जा रहा है। 



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इन राज्यों में ई विधानसभा



देश के आधा दर्जन राज्यों में ई विधानसभा लागू हो चुकी है। इनमें हिमांचल, नागालैंड, केरल, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश शामिल हैं। राज्य के विधायकों का एक दल इन राज्यों में अध्ययन करने भी जाने वाला था लेकिन पंचायत और निकाय चुनाव आने के कारण ये दौरा थोड़ा आगे बढ़ गया है। इस अध्ययन दल में यशपाल सिंह सिसौदिया, सुदेश राय, संजीव सिंह और मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव शामिल हैं।   



हर साल इतनी होगी बचत



ई विधानसभा लागू होने के बाद सालाना 54 करोड़ रुपए की बचत होगी। यानी विधानसभा का जितना सालाना खर्च है उससे 80 फीसदी की बचत होगी। विधानसभा कार्यवाही के सालाना पेपर छपने के लिए 20 हजार पेड़ काटे जाते हैं। ये पेड़ कटने से बच जाएंगे। ए—4 साइज के पेपर छपने पर 24 करोड़ रुपए खर्च होते हैं,उनकी भी बचत होगी। साल भर में 82 करोड़ गैलन पानी लगता है, इतने पानी का खर्च भी बच जाएगा। 



कार्यवाही के दौरान एक मिनट पर खर्च होते हैं 66 हजार



विधानसभा की कार्यवाही का एक मिनट के संचालन का खर्च करीब 66 हजार रुपए आता है। साल भर में करीब 85 करोड़ रुपए सदन की कार्यवाही के संचालन पर खर्च होते हैं। यानी सालभर में तकरीबन 45 बैठकें होती हैं। इस हिसाब से एक दिन की बैठक के दौरान पांच घंटे सदन की कार्रवाई चलती है, जिस पर 2 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। एक घंटे की कार्रवाई पर 40 लाख रुपए और 1 मिनट की कार्रवाई पर खर्च 66 हजार रुपए के करीब है। 



इस तरह की होगी ई विधानसभा



ई विधानसभा बनने के बाद हर विधायक की सीट के सामने कम्प्यूटर सिस्टम लगाया जाएगा जिसमें पूरी जानकारी सिंगल क्लिक से मिलेगी। यानि पूरी विधानसभा हाईटेक और डिजिटल होगी। ई विधान व्यवस्था लागू होने के बाद दैनिक कार्यसूची, प्रश्नोत्तरी, बिल समेत सब कुछ डिजिटल होगा इसके बाद पेपर पर कुछ नहीं होगा। देश की सभी विधानसभाएं एक ही पोर्टल से जुड़ जाएंगी तो जितने भी एजेंडे, नोटिस, प्रश्‍न और उनके उत्‍तर होंगे वे सब एक स्थान पर ही होंगे। 



सिर्फ 12 विधायक ही पूरी तरह टेक्नोफ्रेंडली



मध्यप्रदेश ई विधानसभा की तरफ तो बढ़ रहा है लेकिन इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्तमान में आनलाइन सवाल भेजने की व्यवस्था है लेकिन आधे विधायक इसका इस्तेमाल नहीं करते। यानी प्रदेश के 230 विधायकों में आधे कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं हैं फिर वे इस व्यवस्था का इस्तेमाल कैसे करेंगे।  बजट सत्र में सिर्फ 12 विधायकों ने ही अपने सारे सवाल ऑनलाइन भेजे।13वीं और 14वीं विधानसभा में विधायकों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी गई थी लेकिन इसमें उनकी रुचि नहीं दिखाई दी। विधायकों को टैब भी बांटे गए लेकिन बहुत कम विधायक इसका इस्तेमाल करते हैं। 


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