उमा के ‘लट्ठ’ पर बवाल: लोकतंत्र जनमत से चलता है, लट्ठ से नहीं, ये हिंसा है- कप्तान सिंह सोलंकी

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उमा के ‘लट्ठ’ पर बवाल: लोकतंत्र जनमत से चलता है, लट्ठ से नहीं, ये हिंसा है- कप्तान सिंह सोलंकी

भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री के शराबबंदी (Liquor Prohibition) को लेकर दिए लट्ठ वाले बयान पर राजनीति गरमा गई है। बड़ी बात ये कि बीजेपी खेमे में ज्यादा गहमागहमी है। अब वरिष्ठ बीजेपी नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने 19 सितंबर को ट्वीट किया कि लोकतंत्र जनमत से चलता है, लट्ठ से नहीं। ये हिंसा का है। कानून से भय पैदा किया जा सकता है, विचार नहीं बदले जा सकते। संस्कारों से विचार बदलने की ज़रूरत है।

जन जागरण से होगी शराबबंदी- ऊषा ठाकुर

इंदौर से बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने भी 19 सितंबर को बयान दिया, 'जो नहीं पीता, उसे दुनिया की कोई ताकत नशा नहीं करवा सकती। और जो करता है उसको हमने देखा है। वो बच्चों की शिक्षा (Education) पी जाता है। वो भविष्य पी जाता है। वो गैस की टंकी पी जाता है और वो सारी व्यवस्थाओं को चौपट कर देता है। जब तक हम भीतर का जागरण नहीं करें। हर व्यक्ति को संकल्पित न करें। तब तक नशा मुक्ति नहीं मिल सकती।' 

उमा क्या बोली थीं?

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में मंत्री रहीं उमा भारती ने 18 सितंबर को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा कि गंगाजी को गंगासागर छोड़कर आऊंगी। तब तक यहां पर जागरूकता अभियान चलेगा। 15 जनवरी के बाद मध्य प्रदेश में शराबबंदी लागू करवाकर रहूंगी। गंगासागर से यही तय करके आऊंगी। इससे पहले मार्च में भी उमा ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी की बात कही थी। उमा ने ट्वीट में ये भी कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी लट्ठ से ही हो सकती है।

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