भोपाल. मध्यप्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri) में सूखा राहत के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। शिवपुरी के मैदानी अफसरों (Ground Officers) ने सूखा राहत राशि देने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में जिन किसानों के नाम बताए हैं, उनके खातों में ये पैसा पहुंचा ही नहीं। इसके उलट अपने चहेते 145 किसानों (Farmers) के खाते में फर्जी तरीके से सूखा राहत के 1.72 करोड़ जमा करवा दिए गए। अफसरों के इस फर्जीवाड़े (Scam) का खुलासा महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) में भी हुआ है। द सूत्र के पास इस घोटाले के सारे दस्तावेज मौजूद हैं।
राहत राशि का फर्जी तरीके से भुगतान
महालेखाकार (Accountant General) की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि शिवपुरी जिले पांचों तहसील (Tehsil) कोलारस, बदरवास, पिछोर, खनियांधाना और पोहरी में सूखा राहत राशि का फर्जी तरीके से भुगतान किया गया। पिछोर तहसील में 21 किसानों के खाते में एक से अधिक बार 29.99 लाख रुपए का फर्जी भुगतान हुआ। ऑफिस में मौजूद बिलों में जिन किसानों के नाम लिखे हैं, उनके खातों में पैसा जमा ही नहीं हुआ। उदाहरण के लिए प्रागीलाल अहिरवार के खाते में कुल 2 लाख 65 हजार 612 रुपए 10 किश्तों में जमा किए गए, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में सुरेश का नाम दर्ज है।
जांच रिपोर्ट मांगी गई
मामले की गंभीरता को देखते हुए महालेखाकार ने राजस्व विभाग (Revenue Department) के प्रमुख सचिव (Principle Secretary) को सूखा राहत में हुए फर्जी भुगतान की सूची भेजी है। इधर, विभाग ने इस मामले में संभाग आयुक्त ग्वालियर और शिवपुरी कलेक्टर से जांच रिपोर्ट मांगी है। शिवपुरी जिले को सूखा राहत के रूप में 2017-18 में 142.61 करोड़, 2018-19 में 176 करोड़ और 2019-20 में 25.91 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। यदि मामले की सही जांच हो तो और भी बड़ा फर्जीवाड़ा निकल सकता है।
किस तहसील में कितना फर्जी भुगतान
-कोलारस में पांच किसानों के नाम पर 1.04 लाख रुपए सूखा राहत के नाम पर मंजूर हुए थे। इनमें आशुतोष पाठक 15390, रामेश्वर 2200, अमरौरी राजपुरी 29450, नवलू सुआटोर 13400 और थोरम आदिवासी के 18900 सूखा राशि में स्वीकृत हुए थे। लेकिन इन पांचों किसानों का पैसा अमित कुमार के खाते में 1 लाख 4 हजार 460 जमा कर दिया गया। कोलारस और बदरवास तहसील में ऐसे 66 लोगों के नामों की लिस्ट है, जिन्हें कुल 65 लाख 7 हजार का भुगतान हुआ है। कोलारस व बदरवास तहसील में कुल 82.75 लाख का फर्जी भुगतान हुआ है।
- खनियांधाना में 36 लोगों को 53.39 लाख रुपए का फर्जी भुगतान। खनियांधाना तहसील में अजय कुमार के खाते में 7 बार में सूखा राहत के कुल 3 लाख 48 लाख 772 रु. का भुगतान किया गया है। इसी तरह तहसील में कल्ला उर्फ श्याम के खाते में 9 बार में सूखा राहत के कुल 2 लाख 49 हजार 312 रु. का भुगतान हुआ।
- पोहरी में नवलसिंह, दौजा व रघुवीर के खाते में 5.49 लाख रुपए के फर्जी भुगतान के मामले सामने आए। इन लोगों के खाते में 22 किश्तों में ये पैसा जमा किया गया।
- पिछोर तहसील में नीलम नाम की महिला के खाते में 16 किश्तों में 4 लाख 55 हजार 298 रुपए जमा किए गए। जबकि ऑफिस रिकार्ड में रखे बिलों में नाम दयावती का है। यानी भुगतान किसी और को कर दिया है। ऐसे 21 लोगों को कुल 29.99 लाख का भुगतान किया गया है।