BHOPAL. अब मध्य प्रदेश देश में सबसे स्वच्छ राज्य बनने जा रहा है। 100 से ज्यादा शहरी स्थानीय निकाय वाले सबसे स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को पछाड़ दिया है। एक अखबार के मुताबिक, 1 अक्टूबर को टॉप-10 स्वच्छ राज्यों की घोषणा होगी। मुखयमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी दिन अवॉर्ड लेने दिल्ली जाने वाले हैं। स्वच्छ भारत मिशन के संचालक गौरव बेनल ने कहा- यह तो तय है कि एमपी को अवॉर्ड मिलेगा, लेकिन किस कैटेगरी में ये 1 अक्टूबर को ही पता चलेगा। पिछले साल स्वच्छता के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर था।
पिछले साल एमपी काफी पीछे था
पिछले साल 2021 में सिटीजन फीडबैक यानी जनता की सक्रिय भागीदारी में मध्य प्रदेश बहुत पीछे था। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को भी 6 हजार अंक नहीं मिले थे। बाकी उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर जैसे शहर तो 5 हजार पॉइंट्स भी नहीं ला पाए थे। इस कारण से मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर आया। इस बार सिटीजन फीडबैक में प्रदेश ने सबसे बेहतर काम किया है।
इन 5 वजहों से मध्य प्रदेश आगे
1. ऑन कॉल वेलिडेशन
सरकार ने साफ-सफाई के लिए किए गए दावे पर लोगों से पूछा कि आपके शहर का जो फीडबैक दिया जा रहा है वो सही है या नहीं। आपको गीले-सूखे कचरे की जानकारी है या नहीं। इस फीडबैक में प्रदेश ने दोनों चरणों (अप्रैल-मई और जून-जुलाई 2022) में बाजी मारी।
2. कचरा डिस्पोजल 100%
घर से कचरा इकट्ठा करने से लेकर उसका डिस्पोजल करने में प्रदेश आगे रहा। डंपिंग यार्ड में लगे कचरे के ढेर भी हटाए गए। कचरे को 100% अलग किया गया।
3. कचरा मुक्त शहर
इस बार सबसे ज्यादा पॉइंट्स कचरा मुक्त शहर से मिले। डस्टबिन हटवाकर कचरा गाड़ी से कचरा इकट्ठा करवाने में भी मध्य प्रदेश बेहतर रहा।
4. ओडीएफ++फ्री राज्य
खुले में शौच मुक्त (Open Defection Free) होने की दिशा में भी 90% निकायों को पूरे अंक मिले।
5. GI टैग
शौचालयों की जीआई टैगिंग होने से मॉनिटरिंग में कोई गफलत नहीं रही और सर्वे में सटीक अंक मिले।