भोपाल. मध्य प्रदेश के 25 जिलों में पाइपलाइन (Pipeline) से रसोई तक गैस (Gas) पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में खाद्य विभाग ने राज्य स्तरीय सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) पॉलिसी का मसौदा तैयार किया है। इसे जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा। पॉलिसी को मंजूरी मिलते ही पेट्रोलियम कंपनियां मुख्य पाइपलाइन डालने के बाद सेक्टरों में अलग लाइन बिछाकर व्यवसायिक, रिहायशी और इंडस्ट्रियल क्षेत्र में पाइप के जरिए गैस सप्लाई शुरू करेंगी। इससे जहां सिलेंडर (Cylinder) की बुकिंग कराने से भी निजात मिलेगी, वहीं सिलेंडर के फटने का खतरा भी कम होगा। इसके अलावा लोग जितनी गैस इस्तेमाल करेंगे, उतना बिल उपभोक्ता (Consumers) के पास आएगा। पाइपलाइन के जरिए सप्लाई होने वाली गैस का मासिक (Monthly) बिल आएगा। इसके लिए बाकायदा मीटर लगेंगे। गैस की सप्लाई के लिए सेंटर भी बनेगा।
CNG पेट्रोल पंप भी लगाने के लिए जमीन दी जाएगी
गैस पाइपलाइन बिछाने के साथ शहरों में सीएनजी (CNG) पंप खोले जाएंगे। इसके लिए पेट्रोलियम कंपनियों को शहर में मुख्य स्थानों पर सरकारी जमीन दी जाएगी। इससे सीएनजी वाहन मालिकों को भी फायदा होगा। सीएनजी ऑटो का संचालन भी बढ़ेगा, जिससे प्रदूषण (Pollution) कम होगा।
हवा से हल्की LPG से सस्ती PNG
घरों में एलपीजी के स्थान पर पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) पहुंचाई जाएगी। ये सुरक्षित है। साथ ही हवा से हल्की होने के साथ ही लीकेज (Leakage) होने पर हवा में उड़ जाएगी। लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) भारी होने के कारण नीचे ही रह जाती है। सुरक्षा के लिए पाइपलाइन से लेकर रसोई गैस के चूल्हे तक 3 वॉल्व लगाए जाएंगे।