REWA. विंध्य के इकलौते शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के नाम गुरुवार को एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। स्थापना के 58 साल बाद महाविद्यालय में अब स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। एआईसीटीई का स्वीकृति पत्र गुरुवार को महाविद्यालय पहुंच गया, जिसके आते ही पूरे महाविद्यालय में हर्ष का माहौल व्याप्त हो गया। सत्र 2022-23 से ही महाविद्यालय की तीन इंजीनियरिंग ब्रांच में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होंगे, जिनमें प्रवेश की प्रक्रिया जुलाई महीने से एआईसीटीई के निर्देशानुसार प्रारम्भ होगी। महाविद्यालय की सिविल ब्रांच के अंतर्गत ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग में एमटेक कोर्स प्रारम्भ होगा। ऐसे ही मैकेनिकल ब्रांच में थर्मल इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रिकल ब्रांच में पॉवर सिस्टम से एमटेक कोर्स छात्र कर सकेंगे।
हर ब्रांच में एडमिशन के लिए 30-30 सीट
प्रत्येक ब्रांच में 30-30 सीट प्रवेश के लिए नियत की गई हैं। चार सेमेस्टर के ये पीजी पाठ्यक्रम रोजगारपरक होंगे। गौरतलब है कि उक्त पीजी पाठ्यक्रम के संचालन की अनुमति प्राप्त करने महाविद्यालय ने एआईसीटीई के समक्ष अप्रैल माह में आवेदन किया था। इस आवेदन को लेकर विगत 15 जून और 28 जून को एआईसीटीई मान्यता समिति के अधिकारियों के साथ महाविद्यालय अधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग हुई। इस मीटिंग के बाद अब एआईसीटीई ने महाविद्यालय को एनओसी दे दी है। महाविद्यालय की मौजूदा अकादमिक व्यवस्था को देखते हुए कहा जा सकता है कि जिले सत्ताधारी भेड़ियों ने महाविद्यालय की जमीन न छीनी होती तो अब डीम्ड विश्वविद्यालय की दौड़ में भी संस्थान शामिल हो जाता।
एनबीए के एक्रीडिटिएशन का मिला सहारा
पिछले कुछ सालों से निरंतर जीईसी में पीजी पाठ्यक्रम की मांग उठ रही है। महाविद्यालय ने करीब 8 वर्ष पहले वॉटर मैनेजमेंट में एमटेक कोर्स प्रारम्भ करने का प्रयास किया था लेकिन एनबीए से एक्रीडिटिएशन न होने के कारण मामला लटक गया। पहले महाविद्यालय की किसी भी ब्रांच को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटिएशन (एनबीए) से एक्रीडिटिएशन प्राप्त नहीं हुआ था। अक्टूबर 2021 में एनबीए ने महाविद्यालय की 3 ब्रांच को एक्रीडिटिएशन प्रदान कर दिया है। ऐसे में संबंधित 3 ब्रांच में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने का रास्ता खुल गया। विदित हो कि कोरोनाकाल के बीच विगत 27 से 29 अगस्त 2021 तक एनबीए की टीम ने महाविद्यालय का ऑनलाइन और ऑफलाइन मूल्यांकन किया था। एनबीए ने महाविद्यालय की तीन ब्रांच को एक्रीडिटिएशन दिया, जिसमें सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल ब्रांच शामिल रहीं।
22 नियमित शिक्षकों की बढ़ेगी जिम्मेदारी
महाविद्यालय में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में स्नातक पाठ्यक्रम संचालित हैं। इन पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों को अभी तक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने दूसरे शहरों में जाना पड़ता रहा लेकिन उत्कृष्ट छात्र अब पात्रतानुसार इसी महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे। महाविद्यालय के 22 नियमित शिक्षकों के कंधों पर अब इन पीजी पाठ्यक्रमों के बेहतर संचालन का जिम्मा होगा। पहले दो सेमेस्टर शिक्षण कार्य होगा। फिर आखिरी दो सेमेस्टर में एमटेक के छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क दिए जाएंगे।
'58 साल के इतिहास में बड़ी उपलब्धि'
महाविद्यालय के 58 साल के इतिहास में ये एक बड़ी उपलब्धि मिली है। एनबीए एक्रीडिटिएशन के होने से पीजी पाठ्यक्रम के संचालन की अनुमति प्राप्त हुई है। इस वृहद कार्य में हमारी टीम के सदस्य प्रो. आरके तिवारी, प्रो. यशवंत गोस्वामी, प्रो. अमित शुक्ला, प्रो. प्रवीण नागेश का विशेष योगदान रहा। महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों का भी सहयोग रहा जिसके चलते ये सफलता मिल सकी है।