अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार की माली हालत का बुरा असर गौ माता पर भी पड़ रहा है। प्रदेश में गायों की चिंता करने वाला गौपालन बोर्ड आर्थिक संकट से जूझ रहा है। गायों की खुराक और उनकी बेहतरी के लिए बोर्ड 300 करोड़ रुपए की जरूरत है। धन की कमी को दूर करने के लिए अब बोर्ड ने नया रास्ता निकाला है। बोर्ड ने गो ग्रास योजना बनाई है।
इसके तहत हर घर से दस रुपए गौ ग्रास के रूप में लिए जाएंगे। बोर्ड के सदस्य घर-घर जाकर गौ ग्रास मांगेंगे। रुपयों में हेर फेर का आरोप न लगे, इसलिए गौ संवर्धन बोर्ड के पोर्टल पर पैसे जमा कराए जाएंगे। बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद कहते हैं कि यदि प्रदेश की सवा सात करोड़ आबादी में से एक करोड़ लोग भी गाय के नाम पर दस रुपए दे देंगे तो एक साल में तीन हजार 650 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे। इस फंड के ब्याज से ही बोर्ड गौ माता की भरपूर सेवा कर सकेगा।
फिर शुरू होगा गौ सदन
अविभाजित मध्यप्रदेश में पहले गौ सदन संचालित हुआ करते थे, लेकिन बाद में ये खत्म हो गए। चारे की कमी दूर करने के लिए बोर्ड फिर से प्रदेश में गौ सदन शुरू करने जा रहा है। गौ सदन जंगल के पास बनाए जाते हैं जहां पर किसानों का गौवंश बारिश के दिनों में रखा जाता है। इन गायों को वनों में भरपूर चारा मिल जाता है। बारिश के बाद ये गायें गौपालकों के पास पहुंच जाती हैं। इसके लिए वन विभाग से भी बात की जा रही है। कुछ जगह पर इस संबंध में काम भी शुरू किया जा चुका है।
आम लोगों को गौ सेवा का मौका
बोर्ड ने एक और नया तरीका खोजा है जिससे आम लोगों को गौ सेवा का मौका दिया जा सके। मकसद यही है कि शहरी लोग वक्त के कारण गाय के पास नहीं जा सकते तो उनको ये मौका गौ संवर्धन बोर्ड उनको देगा। इसके लिए दरें भी तय की गई हैं। यदि आप एक गाय को 15 दिन चारा खिलाना चाहते हैं तो आपको 1100 सौ पोर्टल पर जमा करने होंगे और आपके नाम पर संबंधित गौशाला में 15 दिन गाय को चारा खिलाया जाएगा। इसी तरह एक माह के लिए 2100 रुपए, इसी तरह दस साल के लिए तीन लाख रुपए का दान लिया जाएगा। इसके अलावा गौशाला में शेड बनाने, नंदी का दान करने, गोबर गैस बनाने या बोरवेल खुदवाने के लिए आप दान दे सकते हैं। जो दान जिस मद में दिया जाएगा, उससे वही काम होगा।