उमरिया. मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में एक ही दिन में एक बाघ (Tiger) और एक तेंदुए (leopard) की मौत हो गई है। यह दोनों घटनाएं अलग-अलग रेंज में हुई है। अधिकारियों ने जंगल के अंदर बाघ और तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम करवाया। तेंदुए की मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर के हरदी बीट में होने की जानकारी मिली है। वहीं, बाघ की मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोकर रेंज के बड़वाह बीट में हुई है। इन दोनों घटनाओं की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है।
तेंदुए का शिकार हुआ : शिकारियों ने जंगली जानवर के शिकार के लिए जमीन में खूंटी ठोककर उसमें जीआई तार का फंदा बांध दिया था। इसमें तेंदुआ फंस गया और उसकी मौत हो गई। पनपथा कोर की हरदी बीट में तेंदुए का शिकार गले में फंदा डालकर किया गया है। घटनास्थल से मिली जानकारी के मुताबिक तेंदुए के गले में जीआई तार का फंदा फंसा हुआ था।
वन विभाग की लापरवाही से हुई तेंदुए की मौत : इस घटना को लेकर रेंज अधिकारी की लापरवाही सामने आ रही है। हालांकि अभी इस मामले में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने अपना मुंह नहीं खोला है। जानकारी के मुताबिक जब तेंदुए को सुबह देखा गया तो वह फंदे में फंसा हुआ था और जीवित था। लेकिन तेंदुए को फंदे से छुड़ाने के लिए कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं किया गया। ना ही डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया और ना ही तेंदुए को बचाने की कोई कोशिश की गई। परिणाम स्वरूप कुछ देर बाद तेंदुए की घटनास्थल पर मौत हो गई।
ऐसे गई बाघ की जान: प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज के बड़वाह बीट में बाघ की मौत आपसी लड़ाई का परिणाम बताई जा रही है। घटना स्थल के आसपास दो बाघों के पदचिन्ह पाए गए हैं। हालांकि अभी इस मामले में अधिकारियों ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन वन विभाग के अंदर से मिली जानकारी के मुताबिक दो बाघों की आपसी की लड़ाई में एक बाघ की जान चली गई है। घटनास्थल पर वन विभाग के अधिकारी मौजूद है और शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। घटनास्थल का मुआयना डाग स्क्वायड ने भी किया।
नहीं रुक रहीं मौते : नए साल की शुरुआत के साथ ही बाघों की मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया। 8 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज के बिजोरी हर्रई के निकट मझौली बीट केआरएफ 338 छिंदहाहार में 1 साल के बाघ शावक की लाश बुरी तरह से नुची हुई पाई गई थी। इसी महीने 8 जनवरी को पहले बाघ की मौत यहां हुई थी। उस समय बताया गया था कि बाघ शावक की मौत दूसरे बाघ के हमले के कारण हुई है।