भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार का शीतकालीन विधानसभा सत्र 20 दिसंबर से शुरू हो चुका है। इससे पहले 19 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों को परिवार समेत CM हाउस पर न्योता दिया। तमाम विधायक पहुंचे। इसमें टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी भी थे। राकेश के साथ उनकी पत्नी लक्ष्मी थीं। इस दौरान राकेश और लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी साधना के साथ कई फोटो भी खिंचवाईं। लक्ष्मी पर दस्तावेजों में धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। कोर्ट में केस चल रहा है। पुलिस कार्रवाई करने में हीलाहवाली कर रही है।हाल ही में टीकमगढ़ के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि लक्ष्मी गिरी विधायक की पत्नी हैं। वे बिना किसी डर के सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होती हैं। उनके प्रति पुलिस का व्यवहार भी सम्मानजनक रहता है। राकेश के रसूख के चलते पुलिस लक्ष्मी की गिरफ्तारी में कोई रुचि नहीं दिखा रही।
ये है पूरा मामला
2016 में लक्ष्मी गिरी के खिलाफ लक्ष्मण रैकवार ने जिला कोर्ट में केस किया था। आवेदक की तरफ से इसमें दावा किया गया लक्ष्मी का जाति प्रमाण पत्र गलत है। विधायक राहत के लिए मामले को अपर कोर्ट में लेकर गए। इस केस की पैरवी कर रहे वकील नेत्रप्रकाश शुक्ला के मुताबिक, 2016 में नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ने के मकसद से लक्ष्मी ने OBC का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया था। इस सर्टिफिकेट की वैधता को लक्ष्मण रैकवार ने कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर विधायक राकेश गिरी और पत्नी लक्ष्मी ने हाईकोर्ट में स्टे की अपील लगा दी। इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि दस्तावेजों की जांच मजिस्ट्रेट लेवल पर होना ही चाहिए। अगर दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो लक्ष्मण रैकवार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होना चाहिए। इसके बाद टीकमगढ़ कोर्ट की जांच में लक्ष्मी के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इसके आधार पर ये केस मौजूदा समय में चल रहा है।
वकील शुक्ला के मुताबिक, पिछली तीन पेशियों से पुलिस खुद की व्यस्तता और विधायक की पत्नी के नहीं मिलने का तर्क ही दे रही है। इस पर कोर्ट चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट महेश लचोरिया ने 1 दिसंबर को ऑर्डर शीट में फटकार लगाई।
आरोपी की गिरफ्तारी में रुचि नहीं ले रही पुलिस- CJM लचोरिया
टीकमगढ़ के चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) महेश लचोरिया ने 1 दिसंबर को इस मामले की आर्डर शीट में लिखा कि आवेदक लक्ष्मण रैकवार के द्वारा एक और आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है कि आरोपी क्रमांक 1 लक्ष्मी गिरी विधायक की धर्मपत्नी हैं। वे बिना किसी डर के सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल रहती हैं। पुलिस का व्यवहार आरोपी के प्रति सहानुभूति से भरा और सम्मानपूर्वक है। टीकमगढ़ पुलिस जानबूझकर आरोपी लक्ष्मी गिरी को उसके पति विधायक राकेश गिरी के प्रभुत्व के कारण गिरफ्तार करने में कोई रुचि नहीं ले रही है। इस आवेदन पत्र के साथ आवेदक ने दैनिक भास्कर और पत्रिका अखबार के सागर संस्करण के बुधवार 24 नवंबर 2021 के अखबार प्रस्तुत किए हैं। 28 अक्टूबर 2021 का आवेदन पत्र भी आवेदक ने इसी संदर्भ में प्रस्तुत किया था कि पुलिस आरोपी क्रमांक 1 के पति के प्रभाव में अनुसंधान की कार्रवाई नहीं कर रही।
पुलिस की लीपापोती- ड्यूटी के कारण आरोपी को नहीं ढूंढ पाए
कोर्ट में 23 नवंबर 2021 को थाना प्रभारी कोतवाली टीकमगढ़ द्वारा यह जवाब प्रस्तुत किया गया है कि आरोपीगण के मामले में दरयावगी (ढूंढने) की भरसक कोशिश की जा रही है। वर्तमान में लॉ एंड आर्डर ड्यूटी एवं खाद्य वितरण में ड्यूटी के कारण विवेचना एवं आरोपीगण की दरयावगी (तलाशी) नहीं की जा सकी। आज केस डायरी प्रस्तुत कर संबंधित थाने द्वारा यह प्रतिवेदन दिया गया है कि आरोपीगण की तलाश की गई, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए लुक-छिप रहे हैं। आरोपी के तलाशी पंचनामा तैयार किए गए हैं। विवेचना जारी है।
फरार आरोपी के साथ भूमिपूजन करते दिखे SP
केस डायरी के अवलोकन से साफ है कि आदेश दिनांक 4 अक्टूबर 2021 के बाद 23 नवंबर 2021 को आरोपीगण की तलाशी पंचनामा के संबंध में केस डायरी पेश की गई है। तलाशी पंचनामा में आरोपीगण की तलाश नहीं होने का विवरण लिखा गया। आज यानी 1 दिसंबर को आवेदक ने अन्य आवेदन के साथ जो अखबार (दिनांक 24 नवंबर 2021) पेश किए, उनमें टीकमगढ़ जिले के SP और फरार आरोपी एक साथ भूमिपूजन करते हुए नजर आ रहे हैं। इस बारे में अखबार में विस्तृत उल्लेख है। ऐसे में आवेदक लक्ष्मण की ओर से जो आवेदन पेश किए गए, उनके आधार पर यह स्पष्ट है कि अनुसंधान की कार्यवाही में विलंब या ढील देकर पुलिस आरोपियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है।
कोर्ट ने पुलिस के जवाब को संतोषजनक नहीं माना
केस डायरी के अवलोकन से यह भी पता चलता होता है कि अनुसंधान में संबंधित थाना प्रभारी कोतवाली मैना पटेल (तत्कालीन TI) के द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही। जहां SP टीकमगढ़ प्रशांत खरे मामले की आरोपी लक्ष्मी गिरी, जिसके संबंध में कोतवाली पुलिस तलाशी पंचनामा बनाकर पेश कर रही है, उसी के साथ भूमिपूजन कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं। ऐसे में केस डायरी के अवलोकन और प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर यह स्पष्ट है कि पुलिस द्वारा अनुसंधान की कार्यवाही में रुचि नहीं ली जा रही। कोतवाली TI मैना पटेल के आवेदन पत्र दिनांक 28 अक्टूबर 2021 के जवाब में लिखा गया कि लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी और खाद्य वितरण ड्यूटी के कारण विवेचना और आरोपी की तलाशी नहीं की जा सकी। अप्लीकेशन में जो कारण लिखा गया है कि वह संतोषप्रद नहीं है, क्योंकि इसी थाने से जो कोर्ट में चार्जशीट पेश हो रही है, उनमें अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है। अन्य थाना अपराध के मामलों में गिरफ्तारी की कार्यवाही कर न्यायालय में नियमित रूप से अभियुक्तों को प्रस्तुत किया जा रहा है।
आरोपी की गिरफ्तारी में घोर उपेक्षा और लापरवाही- CJM
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट लचोरिया ने ये भी लिखा कि इन परिस्थितियों में स्पष्ट है कि अनुसंधान एवं आरोपीगण की गिरफ्तारी में घोर उपेक्षा एवं लापरवाही बरती जा रही है। इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक सागर को आवश्यक कार्यवाही के लिए सूचना भेजी जाएं। सूचना की प्रति पुलिस महानिरीक्षक भोपाल और गृह सचिव को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी जाए। अंतिम प्रतिवेदन की प्रतीक्षा में 20 दिसंबर 2021 को मामला पेश हो।
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