भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार अपराधियों (Criminals) पर नकेल कसने की तैयारी में है। शिवराज सरकार उत्तर प्रदेश की तरह जल्दी ही मध्य प्रदेश में भी गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) लागू करने जा रही है। एक्ट का ड्राफ्ट (Draft) गृह विभाग ने तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की सहमति के बाद कैबिनेट में पेश किया जाएगा। प्रस्तावित ड्राफ्ट में मध्य प्रदेश में गिरोहबंदी और समाज विरोधी कार्यकलाप (निवारण) विधेयक-2021 में अवैध खनन (Illegal Mining), मिलावटी शराब (adulterated liquor), नकली दवाओं का व्यापार, मानव तस्करी (human trafficking), ड्रग्स, अवैध हथियार का निर्माण- व्यापार जैसे ऑर्गनाइज्ड क्राइम (संगठित अपराध Organized Crime) पर लगाम लगाने के लिए सख्त प्रावधान हैं। सरकार इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र या फिर 2022 के बजट सत्र में पेश कर सकती है।
एक्ट में क्या?
सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित एक्ट में पुलिस को आरोपी से पूछताछ के लिए दो महीने की रिमांड ले सकेगी। लिहाजा पुलिस के पास पूछताछ के लिए ज्यादा समय रहेगा। कलेक्टरों को यह अधिकार होंगे कि वे आरोपियों की संपत्ति की जांच कर सकेंगे। यदि घोषित स्रोत से ज्यादा संपत्ति होना सिद्ध हुआ, तो उसे राजसात किया जा सकेगा।
इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में कोर्ट में अलग से सुनवाई की व्यवस्था रहेगी, ताकि जल्द फैसला आ सके। गवाहों को सुरक्षा देने के लिए भी इसमें प्रावधान किए गए हैं। इसके दायरे में वे सभी अपराध शामिल किए गए हैं, जिसमें एक से ज्यादा व्यक्ति की भूमिका होती है। गृह विभाग के अफसरों ने इस एक्ट का ड्राफ्ट उत्तर प्रदेश के कानून का अध्ययन करने के बाद प्रदेश के हालात देखते हुए तैयार किया गया है।
वसूली विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी
शिवराज कैबिनेट ने दो दिन पहले ही ‘लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक और नुकसान की वसूली अधिनियम-2021’के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत दंगे, हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या जुलूस के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी है। यह कानून भी यूपी की तर्ज पर बनाया गया है।
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