BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों की सैलरी डबल करने वाली है। जनप्रतिनिधियों की सैलरी 33 से 87 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तैयार कर लिया है। दिवाली से पहले मध्यप्रदेश सरकार वेतन बढ़ोतरी का गिफ्ट देने वाली है। निगमों के महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों का वेतन 33 से 87 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। नगर पालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों की सैलरी में 56 से 71 प्रतिशत का इजाफा होगा।
12 साल बाद बढ़ाया जा रहा वेतन
12 साल बाद नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का वेतन बढ़ाया जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्यप्रदेश के नगर निगम व नगर पालिका नियम 1995 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। मंत्री भूपेंद्र सहमति दे चुके हैं। इसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
प्रस्ताव में नगर निगम को दो भागों में बांटा
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव में नगर निगमों को दो भागों में बांटा गया है। पहले 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर हैं जिसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन हैं। इन शहरों के महापौर की सैलरी 11 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए की जा रही है। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के महापौर का वेतन 11 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया गया है। बड़े शहरों के महापौर को 5 हजार और छोटे शहरों के महापौर को 4 हजार अलाउंस मिलेगा।
छोटे-बड़े शहरों के हिसाब से वेतन भत्ते में अंतर
बड़े और छोटे नगर निगमों के अध्यक्षों के वेतन और भत्ते में 4 हजार रुपए का अंतर है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले नगर निगम अध्यक्षों की सैलरी 9 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपए की गई है। अलाउंस 1400 की जगह 4 हजार रुपए किया गया है। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में निगम अध्यक्षों की सैलरी 9 से बढ़ाकर 12 हजार की गई। इसके साथ ही अलाउंस में 1600 रुपए बढ़ाए गए हैं।
पार्षदों को मिलेगी 10 हजार रुपए सैलरी
बड़े शहरों के नगर निगमों में पार्षदों को 10 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। छोटे शहरों के नगर निगमों में पार्षदों को 6 हजार की जगह 8 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। नगर पालिका में पार्षदों को 1800 की जगह 3 हजार और नगर परिषद में 1400 की जगह 2 हजार रुपए वेतन मिलेगा।