भोपाल। क्या आपको मालूम है कि आपके शहर का बरसों पुराना बस स्टैंड, सरकारी प्रिंटिंग प्रेस और पुरानी फैक्ट्रियां बिकने वाली है। सरकार अपना खजाना भरने के लिए प्रदेश के शहरों में प्राइम लोकेशन पर 43 अनुपयोगी प्रॉपर्टी और बेशकीमती जमीन नीलामी के जरिए बेचने जा रही है। सरकार साल 2022- 23 में इन प्रॉपर्टी को नीलाम (Govt property to be auctioned) कर करीब 1 हजार 473 करोड़ रुपए की कमाई करना चाहती है। ये पुरानी और कीमती प्रॉपर्टी राजस्व, परिवहन, सहकारिता, वाणिज्यिक कर, वित्त, ऊर्जा एवं कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग विभाग की हैं।
बता दें कि राज्य सरकार इससे पहले करीब 280 करोड़ 86 लाख की 19 प्रॉपर्टी बेच चुकी है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में जिन सरकारी सम्पत्तियों को बेचने की तैयारी है, उनमें इंदौर के नंदा नगर का बस स्टैंड (Indore Bus stand auction) एवं सिटी डिपो, ग्वालियर एवं मुरैना का बस स्टैंड, भोपाल में सेंट्रल प्रेस बैरागढ़, जबलपुर में SDA पीडब्ल्यूडी का ऑफिस और उज्जैन में विनोद मिल की बेशकीमती जमीन शामिल हैं।
किन सम्पत्तियों को सरकार बेच रही है?: प्रदेश सरकार अपने मालिकाना हक वाली ऐसी सम्पत्तियों की नीलामी कर रही है जो अनुपयोगी पड़ी हैं। इन सभी पर बार-बार अतिक्रमण होता रहता है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक (GM) दिवाकर शुक्ला ने बताया कि राज्य में ऐसी कई प्रॉपर्टी हैं जो की शहरों के विस्तार के बाद काफी प्राइम लोकेशन (MP Prime location property sold) पर हैं। लेकिन संबंधित विभाग के पास भविष्य में उनके उपयोग का कोई ठोस रोडमैप नहीं हैं। वे उनका रखरखाव भी नहीं कर पा हैं। ऐसे में इन संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना जरूरी है। शहर के बीच प्राइम लोकेशन पर होने के कारण ये प्रॉपर्टी अब बेशकीमती हो गई हैं। इन्हें नीलाम करने से सरकार को बड़ी राशि हासिल होगी।
इसी महीने नीलाम होंगी भोपाल, ग्वालियर में 60.73 करोड़ की 2 बड़ी प्रॉपर्टी
1. सेंट्रल प्रेस, बैरागढ़ (राजस्व विभाग): टेंडर वैल्यू: ₹19.93 करोड़
2. ग्वालियर का बस डिपो (परिवहन विभाग): टेंडर वैल्यू : ₹40.80 करोड़
₹293.07 करोड़ की वे प्रॉपर्टी जिनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
डिवीजनल ऑफिस, जबलपुर |
₹227.95 करोड़ की वे प्रॉपर्टी जो फाइनेंशियल ईयर 2022-2023 में नीलामी होंगी
अलीराजपुर बस डिपो |
₹891.21 करोड़ के वे प्रोजेक्ट जिनकी नीलामी भविष्य में जल्द ही होनी हैं
1. पिपलियाहना इंदौर, पार्ट बी: टेंडर वैल्यू: ₹5.80 करोड़
2. बस स्टैंड, मुरैना, पार्ट बी: टेंडर वैल्यू: ₹41.98 करोड़
3. बस स्टैंड, मुरैना, पार्ट सी: टेंडर वैल्यू: ₹53.63 करोड़
4. डिविशनल वर्क शॉप, इंदौर: टेंडर वैल्यू: ₹25.51 करोड़
5. सिटी डेपो, इंदौर: टेंडर वैल्यू: ₹163.32 करोड़
6. ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर, उज्जैन: टेंडर वैल्यू: ₹34.51 करोड़
7. तलावली चन्दा, इंदौर: टेंडर वैल्यू: ₹1.84 करोड़
8. सेंट्रल वर्कशॉप, महू: टेंडर वैल्यू: ₹5.12 करोड़
9. एनर्जी डिपार्टमेंट, कटनी, ब्लॉक A: टेंडर वैल्यू: ₹9.08 करोड़
10. एनर्जी डिपार्टमेंट, कटनी, ब्लॉक B: टेंडर वैल्यू: ₹5.78 करोड़
11. एनर्जी डिपार्टमेंट, कटनी, ब्लॉक C: टेंडर वैल्यू: ₹11.32 करोड़
12. महिदपुर डेपो: टेंडर वैल्यू: ₹6.14 करोड़
13. बिनोद मिल्स (पार्सेल 1-7 एंड 10 ): टेंडर वैल्यू: ₹527.18 करोड़
प्रॉपर्टी की नीलामी पारदर्शिता के लिए ई-ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई: राज्य सरकार ने इन अनुपयोगी संपत्तियों की नीलामी के लिए सितंबर 2020 में एक लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापना कर नोडल अधिकारी प्रबंध संचालक MPRDC को बनाया। नीलामी को लेकर कोई आरोप न लगे, इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। विभिन्न जिलों के कलेक्टरों ने प्रॉपर्टीज का चिंहित किया है। साथ ही इन्हें मूल्यांकन (कीमत निर्धारित) करके लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के ई-ऑक्शन पोर्टल पर अपलोड किया है। इसके बाद लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ही उनकी नीलामी का मैनेजमेंट करता है। वर्तमान में राज्य में ऐसी ही 12 संपत्तियों की जानकारी सॉफ्टवेयर में फीड की गई है जिनको नीलामी के योग्य माना गया है।