Bhopal. प्री मानसून की गतिविधियों के बाद 2 दिन की राहत जरूर मिली थी लेकिन मौसम ने फिर करवट बदली है। जिससे लोगों को फिर गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मध्यप्रदेश के लिए चला मानसून मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बॉर्डर पर अटका हुआ है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार यह अरब सागर से तो आगे बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तान से लगातार आ रहीं हवाओं के कारण महाराष्ट्र से सटे प्रदेश के इलाकों में आगे नहीं बढ़ पा रहा। मानसून बड़वानी के पहले आकर रुक गया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अब यह बड़वानी और इंदौर की बजाए जबलपुर के रास्ते प्रदेश में पहले एंट्री कर सकता है।
मालवा-निमाड़ सूखा
मौसम विभाग के अनुसार दो दिन तक जबलपुर और उससे सटे इलाकों में बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी। बंगाल की खाड़ी में मानसून की गतिविधियों के तेज होने के कारण यह बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार दो दिन तक जबलपुर और उससे सटे इलाकों में बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी। मालवा-निमाड़ में अभी दो दिन बारिश के आसार नहीं हैं। भोपाल में मानसून 18 तक पहुंच सकता है। ग्वालियर चंबल में तपिस जारी है। यहां ग्वालियर और सीधी में 43 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। तो वहीं भोपाल में 39.3, इंदौर में 35.2 और जबलपुर में 40.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
पाकिस्तानी हवाएं बनी रूकावट
बंगाल की खाड़ी में अब तक मानसून की गतिविधियां धीमी थीं, लेकिन मंगलवार से इसने भी रफ्तार पकड़ ली-अरब सागर में मानसून एक्टिव है और वह आगे बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तान से लगातार हवाएं आने के कारण यह मध्यप्रदेश की बॉर्डर पर अटक गया है। एमपी और महाराष्ट्र के बीच मानसून अटका है। बुधवार से पाकिस्तान से हवाओं का एक और दौर मध्यप्रदेश में आ जाएगा। अभी एक सिस्टम पहले से एक्टिव है। ऐसे में अरब सागर से आ रहा मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा। बंगाल की खाड़ी में अब तक मानसून की गतिविधियां धीमी थीं, लेकिन मंगलवार से इसने भी रफ्तार पकड़ ली। यह अब आगे बढ़ने लगा है। इस कारण जबलपुर, छिंदवाड़ा और सतना में मंगलवार को हल्की बारिश भी हुई। यहां एक ट्रफ लाइन भी बन रही है। अगले दो दिन में यहां तेज बारिश हो सकती है
भोपाल और इंदौर में थोड़ा इंतजार और
भोपाल में सोमवार शाम बारिश हुई थी, लेकिन मंगलवार को सिर्फ बादल ही रहे। हवाएं चलने से तपिश कम हुई, लेकिन उमस ने लोगों को परेशान किया। सिंह ने बताया कि भोपाल में मानसून की एंट्री 18 तक हो सकती है। इधर, इंदौर और उसके आसपास के इलाकों में दो दिन बाद ही बारिश के आसार बन रहे हैं। अगर अरब सागर से मानसून आता भी है, तो वह वहीं तक सीमित रहेगा। आगे बढ़ने के लिए उसे पाकिस्तान से आ रही हवाओं के थमने का इंतजार करना होगा।