भोपाल. मध्य प्रदेश कैडर (MP Cadre) के 150 से ज्यादा IPS अफसरों के कामकाज का आंकलन होना है। इसके लिए 26 नवंबर को छानबीन समिति (screening committee) की बैठक मंत्रालय में होनी है। जिन अफसरों ने सर्विस के 15 साल पूरे कर लिए हैं, उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाएगा। जिन अफसरों की 25 साल की नौकरी और उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई है, उनका भी रिकॉर्ड चैक किया जाएगा।
ये अफसर घेरे में
पुलिस मुख्यालय (PHQ) के सूत्रों का कहना है कि 3 सीनियर IPS अफसरों बी मधुकुमार, सुशोभन बनर्जी और संजय माने के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच होगी। ये अफसर लोकसभा चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल मामले में फंसे हैं। इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की जांच के आधार पर EOW ने केस दर्ज किया था। तीनों अफसरों को सरकार पहले ही सस्पेंड कर चुकी है। हालांकि, राज्य शासन ने अभी तक तीनों अफसरों को आरोप पत्र (ChargeSheet) जारी नहीं किया है। तीनों ने सरकार की तरफ से हुए एक्शन को कोर्ट में चुनौती दी थी।
केंद्र का फॉर्मूला
केंद्र सरकार ने इसके लिए (15:25:50) फॉर्मूला लागू किया है। इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में छानबीन समिति बनाई गई है। इसमें DGP विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव महिला बाल विकास अशोक शाह और छत्तीसगढ़ के डीजी प्रबंधन आरके विज सदस्य हैं। ये समिति केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को सिफारिश भेजेगी।
इधर, मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि 15 साल की सेवा वाले करीब 20 अफसरों के कामकाज को देखा जाएगा। 130 IPS अफसर ऐसे हैं, जो 25 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं और उनकी उम्र भी 50 साल से ज्यादा है। इन अफसरों के कामकाज की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
4 साल बाद हो रही बैठक
छानबीन समिति की बैठक चार साल बाद हो रही है। इससे पहले 2017 में हुई थी। तब केंद्र को तत्कालीन DIG मयंक जैन को अनिवार्य रिटायरमेंट देने की सिफारिश भेजी गई थी। जैन को नवंबर 2018 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। 1994 बैच के अफसर जैन के खिलाफ लोकायुक्त ने आय से ज्यादा संपत्ति का केस दर्ज किया था।
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