प्रदेश(madhya pradesh) की सबसे बड़ी रेत खदान(sand mine) नर्मदापुरम(होशंगाबाद), भोपाल(bhopal) सहित सात जिलों(7 district) के रेत ठेके(contract) सरकार ने निरस्त कर दिए हैं। राज्या सरकार ने ठेकेदारों की सुरक्षा राशि(security money) करीब 100 करोड़ रुपए जब्त कर ली है। ये ठेकेदार पिछले तीन महीने से मासिक किस्त जमा नहीं कर रहे थे। खनिज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
7 जिलों के रेत ठेके निरस्त: खनिज विभाग के आदेश के मुताबिक इन खदानों से निकाली गई रेत का ठेकेदारों द्वारा किए गए स्टॉक की जांच कलेक्टर करेंगे। रॉयल्टी की राशि नियमित रूप से नहीं मिलने पर होशंगाबाद, भोपाल, खरगोन, बड़वानी, जबलपुर, दमोह और टीकमगढ़ की रेत खदानों के समूह के ठेके निरस्त कर दिए हैं। इन ठेकेदारों पर करीब 63 करोड़ से ज्यादा की देनदारी थी।
3 महीने से नहीं दी किश्त, ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया: ठेकेदार ने दिसंबर 2021 में खदान समर्पित करने का आवेदन तो दे दिया था पर वह अक्टूबर 2021 से रायल्टी की नियमित किस्तों का भुगतान नहीं कर रहे थे। इसे देखते हुए ठेका निरस्त किया गया है। साथ ही ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। सरकार द्वारा यह फैसला लेने से पहले ही प्रदेश की सबसे बड़ी रेत खदान का संचालन करने वाली कंपनी ने रिस्क एंड कास्ट के नियम समेत अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ ठेकेदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
ठेकेदारों ने 39 में से 24 खदानें छोड़ीं: 2019 में सरकार ने रेत खदानों के 39 समूह (जिला स्तर पर समूह) नीलाम किए थे। इनमें से आठ ठेकेदारों ने खदानें छोड़ दी हैं, तो 16 ठेकेदारों के ठेके निरस्त कर दिए गए हैं। इस तरह प्रदेश में वर्तमान में 15 जिलों की खदानों से ही रेत निकाली जा रही है। रतलाम, भिंड और पन्ना के ठेकेदार पहले खदानें सरेंडर कर चुके हैं।