मध्य प्रदेश की धर्म नगरी उज्जैन का कायाकल्प होने जा रहा है। महाशिवरात्रि से पहले शहर भव्य आकार लेने जा रहा है। महाकाल मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह विकसित किया जाएगा। 705 करोड़ रुपए के महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को फाइनल टच दिया जा रहा है। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रूद्रसागर तट का विकास शामिल है। इस प्रोजेक्ट के लिए अयोध्या राम मंदिर प्रोजेक्ट देख रहे आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा की मदद ले रहे हैं।
काशी विश्वनास कॉरीडोर से बड़ा होगा कैम्पस: प्रोजेक्ट दो तरह से तस्वीर बदलेगा- पहला दर्शन आसान होंगे। दूसरा- दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे। कैम्पस में घूमने, ठहरने, आराम करने से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी। 2 से बढ़कर 20 हेक्टेयर में फैलने जा रहा महाकाल का कैम्पस, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा हो जाएगा।
1 लाख श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन: खास बात यह है कि प्रोजेक्ट के पूरा होने पर हर घंटे बिना किसी रुकावट के एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इतनी भीड़ के बावजूद एक व्यक्ति 30 से 45 मिनट में दर्शन कर लेगा। रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट का पहला चरण महाशिवरात्रि से पहले पूरा हो जाएगा वहीं दूसरा चरण अगले साल 2023 मई-जून तक पूरा कर लेंगे।
पहले चरण में
- श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 5 मंजिला धर्मशाला और त्रिवेणी संग्रहालय के निकट 350 कारों की क्षमता वाली पार्किंग बनेगी।
धर्मशाला, प्रवचन हाल और पार्किंग के नजदीक ही भोजनशाला भी बनेगी।
पैदल चलने में असमर्थ लोगों के लिए 15 नि:शुल्क ई-कार्ड(वाहन) शुरू
900 मीटर लंबा बनेगा महाकालेश्वर मार्ग
पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए 3 मीटर चौड़ा पथ और ई-कार्ट के लिए 6 मीटर चौड़ा रास्ता बनाया जाएगा।
महाकालेश्वर वाटिका में शिव के स्वरूप पर आधारित कमल कुंड, सप्तऋषि मंडल, शिव स्तंभ, मुक्ताकाश रंगमंच, रुद्रसागर तट विकास, त्रिवेणी संग्रहालय से एकीकरण और ग्रीन बेल्ट डेवलप होगा।
महाकाल से जुड़े प्रसंग और कथाओं से भक्तों को अवगत कराने शिव अवतार वाटिका(महाकाल थीम पार्क) बनेगी।
म्यूरल वाल पर कथा चित्रण होगा।
श्रद्धालु रुद्रसागर में बोटिंग कर सकेंगे।
दूसरे चरण में:
- महाराजबाड़ा, महाकाल मंदिर परिसर में शामिल होगा। यहां के ऐतिहासिक भवनों को रीडेवलप किया जाएगा। इनका उपयोग हैरीटेज धर्मशाला और कुंभ संग्रहालय के रूप में होगा। यहां नक्षत्र वाटिका,फूड कोर्ट और इंटरटेनमेंट जोन भी बनाए जाएंगे। इससे पहले यहां संचालित स्कूल को नूतन स्कूल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा।
महाकाल मंदिर से क्षिप्रा नदी के रामघाट तक के प्राचीन पैदल मार्ग को संरक्षित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत महाकाल द्वार एवं मंदिर की ऐतिहासिक दीवार के संरक्षण का काम होगा। महाकाल गेट से रामघाट के बीच श्रद्धालुओं के लिए गार्डन जैसा जन उपयोगी क्षेत्र बनाया जाएगा।
हरीफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण होगा। ब्रिज के चौड़ीकरण के लिए करीब 50 परिवारों को शिफ्ट किया जाएगा। पुल के नीचे एक रेलवे अंडर पास भी बनाया जाएगा। जयसिंह पुरा के नजदीक दूसरा रेलवे अंडर पास बनाया जाएगा।
चारधाम मंदिर से महाकाल मंदिर के नजदीक स्थित विजिटर फैसिलिटी सेंटर नंबर-2 तक 5 मीटर चौड़ा और 210 मीटर लंबा पैदल पुल बनेगा। पुल के दोनों और जनउपयोगी सुविधाओं को डेवलप किया जाएगा।
क्षिप्रा से रामघाट पर मोटेरेबल लाइट एंड साउंड शो होगा। जो सिंहस्थ की थीम पर होगा। इसके लिए मंदिर से रामघाट की ओर जाने वाले रास्ते का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। हाथ ठेला और फेरी व्यापारी, यहां अपने उत्पादों की ब्रिकी कर सकें इसके लिए हाकर्स कॉर्नर भी बनाया जाएगा।
रुद्रसागर तालाब की लहरों पर म्युजिकल फाउंटेन एवं वाटर स्क्रीन शो शुरू होगा। यहां तालाब के पानी की लहरों पर फाउंटेन की मदद से वाटर स्क्रीन बनाई जाएगी। इस स्क्रीन पर महाकाल और सिंहस्थ से जुड़ी फिल्म भक्त देख सकेंगे।
बेगमबाग रोड को नए सिरे से डेवलप किया जाएगा। रोड पर शहरवासियों के लिए 50 कार की पार्किंग क्षमता की पार्किंग बनाई जाएगी। यहां कॉमर्शियल मार्केट डेवलप किया जाएगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियों का डॉकिंग स्टेशन बनेगा। यह रोड आगे जाकर महाकाल कॉरीडोर और महाकाल गेट से कनेक्ट होगा।