संजय गुप्ता, INDORE. निगम चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के बीच एक-एक वोट को लेकर जोर-आजमाइश हो रही है और इसके लिए मतदाताओं में पैठ रखने वाले नेताओं को एक से दूसरे दल में लाने की भी नीति जोरों पर है। इस जोर आजमाइश में विधानसभा चार से विधायक और पूर्व महापौर मालिनी लक्ष्मण गौड़ तो सफल हो गईं और उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथों अपने समर्थक शंकर यादव को भगवा पहनाकर पार्टी में शामिल करवा दिया। यादव गौड़ के समय निगम सभापति भी रह चुके थे जो बाद में कांग्रेस में चले गए थे।
कमलेश खंडेलवाल को बीजेपी में लाने की कवायद
इसी सभा में विधानसभा एक से कांग्रेस नेता कमलेश खंडेलवाल को भी बीजेपी में लाने की कवायद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय और विधानसभा दो के विधायक रमेश मेंदोला भी कर रहे थे। इसके लिए कमलेश सीएम की दोनों सभाओं में पहले शुभ कारज मैरिज गार्डन में और फिर ब्रिलियंट कन्वेंश सेंटर में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे कि उन्हें मंच पर बुलाकर सीएम भगवा पहना देंगे लेकिन उनके नाम की कोई घोषणा सीएम ने नहीं की और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
सीएम शिवराज ने नहीं दी हरी झंडी
बताया जाता है कि कैलाश-रमेश गुट की इस मुहिम की जानकारी पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता को लग गई और उन्होंने तत्काल किलाबंदी शुरू कर दी। गुप्ता ने इसके विरोध में सांसद शंकर लालवानी से लेकर पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे और अन्य लोगों से बात कर ली। साथ ही खंडेलवाल के पुराने जमीन के विवाद भी बता दिए जो सीएम तक पहुंचाए गए। बताया जाता है कि इसमें प्रशासन की ओर से भी उनके विवादों को लेकर जानकारी ली गई। ये सभी बातें सीएम तक पहुंचाई गईं, जिसके बाद सीएम ने फिलहाल उनकी बीजेपी में आने की मुहिम को हरी झंडी देने से मना कर दिया।
कमलेश को बीजेपी में लाने के प्रयास कर रहे कैलाश
सुदर्शन गुप्ता विधानसभा एक में अगले चुनाव के दौरान कमलेश को टिकट के दावेदार के रूप में खड़ा नहीं होने देना चाहते हैं और न ही इस क्षेत्र में कैलाश-रमेश गुट को हावी होने देना चाहते हैं। ऐसे में अपने राजनीतिक वजूद के लिए वे पूरा जोर लगा रहे हैं। हालांकि अभी भी इस गुट ने लड़ाई खत्म नहीं की है और बताया जाता है कि कैलाश विजयवर्गीय बड़े स्तर पर भी कमलेश को बीजेपी में लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
अब क्या पत्ते खोलेगा कैलाश गुट
कमलेश खंडेलवाल जब विधानसभा एक में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर साल 2013 में निर्दलीय लड़े थे तो 80 हजार वोट लेकर आए थे। तब गुप्ता जीते थे लेकिन 2018 में संजय शुक्ला ने उन्हें लड़ने से रोक लिया और समझौता कर लिया। इसके बाद गुप्ता की हार हुई और शुक्ला जीते थे। अब कमलेश का दावा है कि वो बीजेपी में आते हैं तो विधानसभा एक से महापौर प्रत्याशी को भारी लीड दिलवा देंगे। अब देखना है कि कैलाश गुट क्या पत्ते खोलता है।