BHOPAL. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का एक बयान चर्चा में हैं। भोपाल में खड़गे ने खुद की तुलना बकरे से की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री बनाए जाने के सवाल पर कहा कि हमारे यहां एक कहावत है ‘बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे.. पहले तो मेरा ये चुनाव खत्म होने दो। मुझे अध्यक्ष बनने दो उसके बाद देखेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़के का भोपाल दौरा
बुधवार को पीसीसी डेलीगेट्स से मुलाकात करने भोपाल पहुंचे खड़गे ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए खड़गे ने बताया कि वे कांग्रेस पार्टी के संविधान के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। आम डेलीगेट्स और सीनियर नेताओं ने मिलकर मुझे चुनाव में उतारा है।
खड़गे ने पीसीसी डेलीगेट्स से किए वादे
संगठन चुनाव में वोट मांगने पहुंचे खड़गे ने पीसीसी डेलीगेट्स से वादे भी किए। उन्होंने कहा कि चुनकर आने के बाद उदयपुर में लिए गए निर्णयों को एक-एक करके लागू करेंगे। उदयपुर के निर्णय सभी नेताओं ने मंथन के बाद मिलकर लिए हैं, लिहाजा उन्हें लागू करना पहली प्राथमिकता है। लेकिन सभी को विश्वास में लेकर ही निर्णय लिए जाएंगे। खड़गे ने कहा कि पार्टी से संबंधित निर्णय लेते वक्त पार्टी के नेताओं और सोनिया गांधी, राहुल गांधी से राय लेंगे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 20 साल तक पार्टी का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व में दो बार सरकार भी बनी।
बीजेपी ने हमारे विधायक चुरा लिए- खड़गे
इस दौरान खड़गे ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार संविधान को नष्ट कर रही है। ऑटोनोमस अथॉरिटीस को कमजोर कर रही है। उनका मिस्यूज किया जा रहा है। राहुल गांधी के नेतृत्व में 6 प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार आई लेकिन मोदी और शाह ने हमारे विधायक चुरा लिए। कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, गोवा की सरकार चली गई, बीजेपी ने महाराष्ट्र में भी सरकार गिरा दी। एक तरफ बीजेपी कहती है कि कांग्रेस के पास जनाधार नहीं है। दूसरी तरफ बनी हुई सरकारों को गिरा देते हैं। इसलिए संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ये चुनाव लड़ रहा हूं।
गांधी परिवार ने अध्यक्ष बनने से इनकार किया- मल्लिकार्जुन खड़गे
खड़गे ने अपनी उम्मीदवारी की वजह बताते हुए कहा कि गांधी परिवार ने अध्यक्ष पद संभालने से इनकार कर दिया। उसके बाद कोई विकल्प नहीं था। इसलिए डेलीगेट्स और नेताओं के कहने पर चुनाव में उतरा हूं। बीजेपी से हमारी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक रहेगी। संगठन के चुनाव में एक-दूसरे से कोई लड़ाई नहीं है। संगठन की लड़ाई के लिए उम्र की नहीं मानसिकता, विचारधारा और कमिटमेंट जरूरी होता है। नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर खड़गे ने कहा कि चुनाव के बाद रणनीति बनाई जाएगी। उसके तहत मंथन किया जाएगा कि क्यों लोग छोड़कर जा रहे है, जो अंदर आना चाहते हैं वो क्यों नहीं आ पा रहे हैं।